राज्य ब्यूरो, रांची: रांची के गाड़ी मौजा में चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। इस फर्जीवाड़ा का खुलासा ईडी ने मनी लांड्रिंग के तहत अपनी जांच में किया है।

सीजेएम कोर्ट के आदेश पर दर्ज की  गई थी शिकायत

इस जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा मामले में सबसे पहले रांची के सीजेएम कोर्ट के आदेश पर सदर थाने में आठ सितंबर 2022 को दर्ज की गई थी।

महज सवा महीने में ही देदी थी क्लोजर रिपोर्ट

करीब सवा महीने के भीतर ही सदर थाने की पुलिस ने कोर्ट में यह लिखते हुए क्लोजर रिपोर्ट दे दी कि यह जमीन विवाद का मामला है। यह आपराधिक मामला नहीं है, जबकि इसमें जालसाजी के तमाम हथकंडे अपनाए गए थे।

उमेश गोप ने कोर्ट में दर्ज कराई थी लिखित शिकायत

इस मामले के शिकायतकर्ता उमेश कुमार गोप हैं। उन्होंने कोर्ट में लिखित शिकायत की थी, जिसके बाद कोर्ट ने सदर थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

ये हैं आरोपी

इसके बाद सदर थाने में राजेश राय, इम्तियाज अहमद, भरत प्रसाद, लखन सिंह, पुनीत भार्गव और विष्णु कुमार अग्रवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। इस प्राथमिकी में आपसी मिलीभगत से जालसाजी करने से संबंधित धाराएं भी लगी थी लेकिन पुलिस ने इन धाराओं के तहत मामले की जांच ही नहीं की।

फर्जीवाड़े के बड़े रैकेट का खुलासा

रांची में जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में जब ईडी ने इस केस की जांच की तो फर्जीवाड़े के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ। जमीन किसी की, रैयत कोई और बन गया था। रसीद किसी और के नाम पर कटी थी। जो मूल दस्तावेज थे, उसमें भी हेराफेरी की गई थी।

जालसाजों की सरकारी पदाधिकारियों थी मिलीभगत

ईडी ने पाया कि कहीं न कहीं जालसाजों, जमीन माफिया के प्रभाव में सरकारी पदाधिकारियों की मिलीभगत से ही ऐसा हो पाया था। ईडी ने इस केस से जुड़े व जालसाजों से मिलीभगत में बड़गाईं अंचल के उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद व इम्तियाज अहमद को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपितों के ठिकानों पर भी पूर्व में छापेमारी हो चुकी है।

क्या बोले सदर डीएसपी

डीएसपी सदर प्रभात रंजन ने कहा कि सदर थाना इस मामले में फाइनल फॉर्म कोर्ट में दिया गया है। कोर्ट को बताया गया है कि यह सिविल विवाद का मामला है। जहां तक जालसाजी की धाराओं में जांच की बात है तो उस मामले में भी पुलिस ने जांच की, लेकिन कोई साक्ष्य नहीं मिला। अब ईडी ने जालसाजी पकड़ी है तो संबंधित विभाग से पुलिस भी पूछताछ करेगी कि पुलिस को पूछताछ में इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई।