Sunday, December 10, 2023
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    गिरिडीह में डीसी ने आदिवासी समाज के साथ सरहुल मनाया, मांदर की थाप पर थिरके भी

    रांची दर्पण
    गिरिडीह: झारखंड संस्कृति का परम्परागत प्रकृति पर्व सरहुल सोमवार को आदिवासी समाज से जुड़े लोगों में श्रद्धा-निष्ठा और उत्साह के साथ मनाया गया। पारम्परिक वेश-भूषा से सुसज्जित हो आदिवासी समाज के लोग सरहुल पर्व मनाने में जुटे थे।

    इस दौरान जिला मुख्यालय में बस स्टैंड स्थित मांझीथान में कई कार्यक्रम धूमधाम संपन्न हुए. कार्यक्रम में जिले के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

    मौके पर समाज के युवक-युवतियों ने ढोल-नगाडों की थाप पर पारंपरिक तरीके से नृत्य करते हुये उपायुक्त का स्वागत किया।
    डीसी ने पूजा में भाग लिया 
    आदिवासी की संस्कृति और रीति रिवाज के साथ समाज के मांझी हड़ाम ने इस दौरान मांझीथान में पूजनोत्सव कार्य सम्पन्न कराया. पूजानोपरांत भव्य जुलूस निकाला गया। जिसमें समाज के युवक-युवतियों के साथ उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा भी मांदर बजाया.

    मांदर की थाप पर उपायुक्त भी थिरकते से खुद को रोक नही पाये। मौके पर उपायुक्त के साथ पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के अनुज नुनूलाल मरांडी और आदिवासी नेता सिकंदर हेम्ब्रम समेत कई नामचीन लोग आदिवासी लोकगीतों पर थिरकते देखे गये।
    प्रकृति से हमें काफी कुछ सिखने को मिलता है: डीसी
    इस मौके पर डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि जनजाति समाज प्रकृति की पूजा करते हैं। इससे हमें काफी कुछ सिखने को मिलता है।

    कहा कि आज के इस दौर में भी आदिवासी समाज अपने पुराने विधि विधान और रीति रिवाज को जीवंत रखने का काम किया है जो खुशी की बात है।

    उन्होंने कहा कि गांव में जंगलों में यह पूजा की जाती है। यह पर्व प्रकृति को सम्मान देना सिखाता है। कहा कि वर्तमान समय में एक साथ सभी धर्मावलम्बियों का त्योहार चल रहा है। लोग सभी पर्व को सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाएं।

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