रांची दर्पण (एहसान राजा)। ओरमांझी प्रखंड-अंचल अवस्थित गेतलसूद डैम क्षेत्र की सड़कें जानलेवा गड्ढे में तब्दील हो गए हैं। गेतलसूद चौक से ही सड़क की स्थिति बेहद खराब और जर्जर है।
मात्र दो किलोमीटर लंबी सड़क की दूरी तय करने में चार पहिया वाहन से 20 मिनट लगता है। दो किलोमीटर के दौरान सड़क को खोजना पड़ता है। यह सड़क में सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे हैं।
वर्ष 2012 में उक्त सड़क का निर्माण कराया गया था। बनने के साथ ही सड़क उखड़ने लगी थी। डैम बनने के समय ही पथ को वन वे घोषित कर दिया गया था।
बता दें कि ओरमांझी प्रखण्ड और अनगड़ा प्रखण्ड को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है। इस पथ पर चार पहिया वाहनों को ही चलाए जाने की अनुमति है। लेकिन भारी वाहनों के चलाए जाने से सड़क की स्थिति काफी जर्जर होती चली गई है।
कांग्रेस के युवा नेता अमाल खान बताते हैं कि अनगड़ा होते हुए रांचीआने के लिए मुझे 20 किलोमीटर का अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है। इस पथ पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
इस सड़क को बनाने की मांग सरकार से कई बार की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस सड़क को मजबूती के साथ बनाए जाने की जरूरत है।
भाजपा के मंडल अध्यक्ष सुनील महतो ने बताया कि स्वर्णरेखा नदी में पुल बनकर तैयार है। मात्र 1 किलोमीटर संपर्क पथ बना दिए जाने से आवागमन शुरू हो जाएगा।
इससे डैम से आवागमन की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार स्वर्णरेखा नदी में बनाए गए पुल से ही संपर्क पथ बना कर आवागमन शुरू कर दिया जा सकता है।
तीन विभागों की खींचातान में नहीं हो रहा सड़क निर्माण का कार्यः गेतलसूद डैम का संचालन कागज पर तो सिंचाई विभाग करता है। लेकिन वास्तव में इसके पानी से कमाई उर्जा व पेयजल स्वच्छता विभाग करता है।
सिंचाई को लेकर कोई राजस्व की प्राप्ति नहीं होती है। प्रतिवर्ष ऊर्जा विभाग की ओर से 20,000,00 रुपए की है।
सिविल मेंटेनेंस व अन्य कार्यों के लिए लघु सिंचाई विभाग को दिया जाता है, लेकिन इन पैसों का सुरक्षा सहित अन्य मद में खर्च हो जाने के कारण पथ निर्माण नहीं हो पाता है।
तीन विभागों के बीच जारी खींचतान के कारण केवल स्वयं का पथ का निर्माण नहीं हो रहा है। इसीलिए डैम पथ की स्थिति हो गई है। वाहनों का गुजरना इस पर चुनौतीपूर्ण है।