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    Thursday, May 2, 2024
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      मेदांता अस्पताल ने अपने ICU कर्मी के पिता का नहीं किया ईलाज, मौत, कर्मियों ने 6 घंटे तक काटा बवाल

      ओरमाँझी (राँची दर्पण)। ईरबा अवस्थित मेदांता अस्पताल में आज मंगलवार की सुबह एक नर्स के पिता की मौत हो जाने के बाद कार्यरत कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए 6 घंटे तक जमकर हंगामा मचाया और प्रबंधन के खिलाफ खूब नारेबाजी की।

      Medanta hospital did not treat the father of its ICU personnel death workers cut the ruckus for 6 hours 1 1इसके बाद मामले की सूचना पाकर पहुंचे ओरमांझी अंचलाधिकारी विजय करकेटा, सिल्ली डीएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा और ओरमांझी थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो किसी तरह आक्रोशित स्वास्थ्यकर्मियों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

      मेदांता कर्मियों कहना था कि जब तक प्रबंधन उनके परिजनों की अस्पताल भर्ती कर ईलाज की गारंटी नहीं लेगा, तब तक वे लोग कोई काम नहीं करेंगे। करेगा तब तक कोई भी अस्पताल में काम नहीं करेंगे। वे लोग अपनी जान डाल कर लोगों की सेवा कर रहे हैं और जब वे या उनके परिजन बीमारी होते हैं तो प्रबंधन अस्पताल में न इलाज करता है और न हीं भर्ती।

      इस पर मेदांता अस्पताल प्रभारी मुख्तार सय्यद ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में हंगामा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को आश्वासन दिया कि उनके व उनके परिजनों का अस्पताल में ईलाज-भर्ती किया जाएगा। इसके बाद सभी कर्मी काम पर वापस लौट गए।

      बताया जाता है कि मेदांता अस्पताल के आई सी यू  विभाग में कार्यरत सिमडेगा निवासी नर्स विनीता कुमारी  के पिता  बीमार थे। विनीता कुमारी  2 दिन से मेदांता के अधिकारियों को गुहार लगा रही थी की उनके पिताज को मेदांता में एडमिट कर इलाज किया जाए। लेकिन मेदांता के प्रबंधन व  अधिकारी विनीता कुमारी के पिता को अस्पताल में भर्ती कर ईलाज करने से इंकार कर दिया। इसी बीच आज 27 अप्रैल की सुबह उनके पिता की मृत्यु हो गई।

      इसके बाद उसकी सूचना जैसे ही नर्स विनीता कुमारी तो उन्होंने मेदांता के प्रबंध से दो टूक कहा कि अगर उनके पिता का इलाज मेदांता अस्पताल में होता तो शायद वे बच  जाते। लेकिन इस अस्पताल ने अमानवीय रवैया अपनाया। इस हाल में वे यहाँ काम नहीं कर सकती।

      इसके बाद नर्स विनीता के साथ वहां मौजूद सारे मेदांता के सारे कर्मी गुस्से में अपने -अपने काम छोड़कर बाहर निकल गए और इस जिद पर अड़ गए कि जब तक मेदांता प्रशासन उनके परिजनों का ईलाज नहीं करेगा, तब तक यहां के कर्मचारी कोई भी काम नहीं करेंगे। 

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