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    Saturday, April 27, 2024
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      मांडर विधानसभा उप चुनावः आसान नहीं है भाजपा और कांग्रेस की राह, क्योंकि…

      “मांडर की सीट पर भाजपा की गंगोत्री कुजूर और कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की के बीच सीधा मुकाबला है। एक बार फिर मैदान में उतरे पूर्व विधायक देवकुमार धान और शिशिर लकड़ा जी-जान से जुटे हैं….

      रांची दर्पण डेस्क। आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की की विधायकी खत्म होने के बाद खाली हुई मांडर सीट पर चुनावी जंग का मैदान सज चुका है। इसमें भाजपा की गंगोत्री कुजूर और कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की के बीच सीधा मुकाबला है।

      वहीं, एक बार फिर मैदान में उतरे पूर्व विधायक देवकुमार धान और शिशिर लकड़ा त्रिक्रोणीय बनाने के लिए जी-जान से जुटे हैं। साल 2019 विधानसभा चुनाव में जेवीएम के टिकट पर लड़कर बंधु तिर्की ने भाजपा उम्मीदवार देवकुमार धान को हराया था।

      2019 में विधायक गंगोत्री कुजूर को भाजपा को नहीं मिला था टिकटः भाजपा ने तब तत्कालीन विधायक गंगोत्री कुजूर का टिकट काट दिया था। इस चुनाव में बंधु तिर्की को 92,491 वोट मिले थे, जबकि देवकुमार धान को 69,364 वोट मिले थे।

      वहीं एआईएमआईएम के टिकट पर चुनाव लड़ रहे शिशिर लकड़ा को 23,592 वोट मिले थे। पिछले चुनाव में आजसू का भाजपा के साथ गठबंधन टूट गया था।

      आजसू की उम्मीदवार हेमलता उरांव को 15,708 वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार सनी टोप्पो को 8840 वोट मिले थे। इस बार आजसू ने भाजपा प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया है।

      2014 में देवकुमार की वजह से बंधु की हुई थी हारः साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर ने टीएमसी से लड़ रहे बंधु तिर्की को हराया था। उस समय बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे देवकुमार धान ने 38,801 वोट पाकर बंधु तिर्की की राह मुश्किल कर दी थी।

      उस चुनाव में कांग्रेस से बगावत कर उतरे देवकुमार धान को कुल वोटों का 20.41 प्रतिशत वोट मिला था। चुनाव में गंगोत्री को 54,200 और बंधु तिर्की को 46,595 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्रनाथ भगत को 20,646 वोट मिले थे।

      2005 से 2019 तक हर बार अलग-अलग पार्टी के सिंबल पर लड़े बंधुः 2019 में झाविमो के टिकट पर जीत दर्ज करने के बाद बंधु तिर्की ने 2020 में कांग्रेस का दामन थाम लिया। विधानसभा सदस्यता जाने के बाद बंधु तिर्की की बेटी भी कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। साल 2000 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की थी।

      लेकिन 2005 में बंधु तिर्की ने पहली बार यूजीडीपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और देवकुमार धान को हराकर जीत दर्ज की। 2009 में यूजीडीपी छोड़ झारखंड जनाधिकार मंच के टिकट पर बंधु ने चुनाव जीता। 2014 में वह तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा उम्मीदवार से हार गए। इस बार उनकी बेटी मैदान में है।

      कांग्रेस ने अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कीः मांडर विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेनुगोपाल ने भारत निर्वाचन आयोग के सचिव को 40 स्टार प्रचारकों की सूची सौंप दी है।

      स्टार प्रचारकों में कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता, बादल, सुबोधकांत सहाय और डॉ अजय कुमार को स्टार प्रचारक बनाया है।

      इनके अतिरिक्त पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, चंद्रशेखर दुबे, कृष्णनंदन झा, प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत, सांसद धीरज साहू, सांसद गीता कोड़ा और बंधु तिर्की आदि शामिल हैं। कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर महतो, शहजादा अनवर, केएन त्रिपाठी, केशव महतो कमलेश, कालीचरण मुंडा, विधायक दीपिका पांडेय सिंह, डॉ इरफान अंसारी, कुमार जयमंगल, नमन विक्सल कोंगाड़ी, उमाशंकर अकेला, ममता देवी, अंबा प्रसाद, पूर्णिमा नीरज सिंह, सोनाराम सिंकू, रामचंद्र सिंह, भूषण बारा, रमा खलखो, आलोक दुबे, अशोक चौधरी, संजय लाल पासवान, गुंजन सिंह और अभिजीत राज भी कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में शामिल किए गए हैं।

       

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