कांके (रांची दर्पण)। Anil Tiger shot dead: राजधानी रांची में अपराध का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार की सुबह कांके थाना क्षेत्र के कांके चौक पर एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। पूर्व जिला परिषद (जिप) सदस्य अनिल टाइगर उर्फ अनिल महतो की अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना दिनदहाड़े उस वक्त हुई, जब अनिल महतो कांके चौक के पास मौजूद थे। हमलावरों ने बेहद नजदीक से उनकी कनपटी पर गोली दागी और फायरिंग के बाद तेजी से फरार हो गए।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। गंभीर हालत में अनिल महतो को तत्काल रांची के रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस हत्याकांड ने न केवल कांके क्षेत्र में सन्नाटा फैला दिया, बल्कि पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।
नेताओं और परिजनों का रिम्स में जमावड़ाः जैसे ही हत्या की खबर फैली, रांची संसदीय क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी देवेंद्र नाथ महतो तुरंत रिम्स अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मृतक के शव की स्थिति का जायजा लिया और शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं इस घटना ने स्थानीय नेताओं और संगठनों में आक्रोश पैदा कर दिया।
कल झारखंड बंद का ऐलानः झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलएकेम) के वरीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने इस हत्याकांड पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले ही आदिवासी भाई सोनू मुंडा की बाहरी तत्वों द्वारा हत्या की गई थी। अब फिर से पूर्व जिप सदस्य अनिल महतो को दिनदहाड़े भरे बाजार में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। यह पुलिस प्रशासन की कुंभकर्णी नींद का सबूत है।”
उन्होंने प्रशासन पर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाया और ऐलान किया कि इस जघन्य हत्याकांड के विरोध में गुरुवार (27 मार्च 2025) को संपूर्ण झारखंड में बंद का आह्वान किया जाएगा। इस बंद के जरिए हम सरकार को जगाने और अपराधियों पर नकेल कसने की मांग करेंगे।
पुलिस की चुप्पी, जांच शुरूः घटना के बाद कांके थाना पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि हमलावर बाइक पर सवार थे और हत्या को अंजाम देने के बाद भीड़भाड़ वाले इलाके से आसानी से फरार हो गए। हालांकि अभी तक हमलावरों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने और चश्मदीदों से पूछताछ शुरू कर दी है। लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है।
क्षेत्र में तनाव, लोगों में आक्रोशः इस हत्याकांड के बाद कांके चौक और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोग और व्यापारी इस घटना से स्तब्ध हैं। अनिल टाइगर की पहचान एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व जिप सदस्य के तौर पर थी, जिसके चलते उनकी हत्या ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह पुरानी रंजिश का नतीजा था या फिर कोई साजिश? इस सवाल का जवाब पुलिस जांच के बाद ही मिल सकेगा।
झारखंड में बढ़ता अपराध का ग्राफः यह घटना उस वक्त हुई है, जब राज्य में अपराध की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। दिनदहाड़े हत्या जैसी वारदातों ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
अब देखना यह है कि गुरुवार को प्रस्तावित झारखंड बंद से सरकार और प्रशासन पर कितना दबाव बनता है और इस हत्याकांड के दोषियों को कब तक सलाखों के पीछे पहुंचाया जाता है।
फिलहाल, कांके चौक की सड़कों पर खून के धब्बे और मृतक के परिवार की चीख-पुकार इस बात की गवाही दे रही है कि झारखंड में शांति और सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
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