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JPSC अध्यक्ष का बड़ा बयानः पेपर लीक का सबूत मिला तो रद्द होगी सीजीएल परीक्षा

रांची दर्पण, 26 सितंबर 2024ः झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) द्वारा आयोजित सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (CGL) 2023 को लेकर विवाद गरमाता जा रहा है। कई अभ्यर्थियों द्वारा पेपर लीक का आरोप लगाया जा रहा है, जिसके चलते आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी।

उन्होंने कहा कि अब तक आयोग को इस मामले में कोई ठोस शिकायत या प्रमाण नहीं मिले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर पेपर लीक होने का सबूत प्रस्तुत किया जाता है और जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो परीक्षा रद्द की जाएगी।

अध्यक्ष ने बताया कि इस बार CGL परीक्षा के लिए 6,39,900 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें से 3,04,769 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा निष्पक्ष और कदाचारमुक्त संपन्न कराई गई थी। परीक्षा के दौरान उत्तर पुस्तिका का सील खुला होने के आरोपों पर

उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर परीक्षा के लिए छपाई की गई लाखों पुस्तिकाओं में से कुछ के सील खुलने की संभावना हो सकती है, लेकिन इससे पेपर लीक का सीधा संबंध नहीं है।

अध्यक्ष कुमार ने यह भी बताया कि परीक्षा के दौरान विशेष सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, जिसमें सीसीटीवी कैमरों, जैमर और कड़ी सुरक्षा के बीच प्रश्न पत्रों को सीलबंद टेम्पर प्रूफ पैकेट्स में रखा गया था।

उन्होंने दावा किया कि सभी आंसर सीट्स आयोग कार्यालय पहुंच चुकी हैं और जल्द ही स्कैनिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि परिणाम शीघ्र जारी किए जा सकें। अब इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया और आयोग की आंतरिक जांच के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हैं।

पेपर लीक की जांच को लेकर पीआइएल दाखिलः इस बीच पेपर लीक के आरोपों पर गंभीरता बढ़ गई है। रांची के एक अभ्यर्थी आर. कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट में इस मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए जनहित याचिका (पीआइएल) दाखिल की है।

याचिका में पेपर लीक की गहराई से जांच की मांग की गई है और दावा किया गया है कि इस मामले में नामकुम थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। हालांकि, पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच की प्रगति को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

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