रांची दर्पण डेस्क। सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका परिवार परंपरागत सामाजिक मान्यताओं के अनुसार शिक्षा के महत्व को नहीं मानता था। फिर भी उन्हें 9 साल की उम्र में ज्योतिबा फुले से विवाह के लिए...
रांची दर्पण डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची के हृदयस्थल अवस्थित बड़ा तालाब (स्वामी विवेकानंद सरोवर) में पानी की गुणवत्ता बिगड़ने के कारण स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है। तालाब के पानी के ऊपर तेल जैसी मोटी परत जम गई है, जिससे पानी का रंग हरा हो गया है और...
ओरमांझी (रांची दर्पण), 26 सितंबर 2024: रांची जिले के ओरमांझी अंचल अंतर्गत चुटूपालू घाटी में अवैध पत्थर खनन और पहाड़ों की कटाई की बढ़ती समस्याओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने स्वतः संज्ञान लिया है। एक रिपोर्ट के बाद एनजीटी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के लिए...
रांची दर्पण, 26 सितंबर 2024: झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी अंचल अंतर्गत चुटूपालू घाटी में एक गंभीर पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो गया है। जहां कभी 150 फीट ऊंचे पहाड़ खड़े थे, अब वहीं गहरे गड्ढे बन चुके हैं। अवैध पत्थर खनन के चलते यह घाटी अपने अस्तित्व के लिए...
रांची दर्पण डेस्क। करम परब यानी प्राकृतिक लोक परब हमारी संस्कृति की महत्वपूर्ण और अनमोल धरोहर है। यह प्राकृतिक के साथ साथ सामाजिक एकता, सहभागिता, सामूहिकता और भाईचारे का भी परिचायक है। करम परब प्रकृति को संरक्षित और समृद्ध करने के साथ साथ जीवन को गति देने वाला त्योहार है।...
रांची दर्पण डेस्क / मुकेश भारतीय। रांची के बड़ा तालाब का ऐतिहासिक महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तालाब रांची के कुछ प्राचीनतम तालाबों में से एक है, जिसका निर्माण कब और किसने किया, इसे लेकर कई सवाल उठते हैं। ऐतिहासिक दस्तावेजों और पुरानी कथाओं के अनुसार यह तालाब विभिन्न युगों...
रांची दर्पण डेस्क / मुकेश भारतीय। रांची पहाड़ी मंदिर (Ranchi Pahari Mandir) का इतिहास अत्यंत पुराना और समृद्ध है। यह मंदिर झारखंड की राजधानी रांची में स्थित है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मंदिर का निर्माण किस काल में हुआ था, इस बारे...
रांची दर्पण डेस्क / शोधार्थी- देव कुमार। छोटानागपुर का पठार, जो हरे-भरे जंगलों और खनिज संसाधनों से भरा पूरा है, वहीं इसके गर्भ में छुपा है पृथ्वी पर जीवन के सृजन का रहस्य। लाखों वर्षों के निरन्तर भौगोलिक और भूगर्भीय परिवर्तन के फलस्वरूप छोटानागपुर के पठार में अंतिम हिमयुग के...
रांची दर्पण डेस्क। झारखंड में ईसाई (Christian) मिशनरियों का आगमन 19वीं सदी में हुआ। जब उन्होंने भारत के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक...