हटिया (रांची दर्पण)। झारखंड में खनिज संपदा के दोहन की प्रक्रिया को एक बड़ा कदम मिलने जा रहा है, जहां लगभग दो दर्जन खदानों की नीलामी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इनमें 11 आयरन ओर (लौह अयस्क) की खदानों के साथ पांच सोना की खदानें भी शामिल हैं।
सोना खदानों की नीलामी में विशेष रूप से पूर्वी सिंहभूम जिले के भीतरडीरी और जोजोडीह खदानें, सरायकेला-खरसांवा के हेबन सेमा, बीतापुर-सोकानडीह और रामपुर कासीडीह की सोना खदानें शामिल हैं। इसके अलावा चाईबासा की 11 लौह अयस्क खदानें भी नीलामी के लिए तैयार हैं।
खनिज नीलामी में आयरन ओर और सोना के अलावा चार लाइमस्टोन (चूना पत्थर), एक बेल मेटल और एक कॉपर खदान की भी नीलामी की जाएगी। गिरिडीह में कॉपर और बेस मेटल की खदान स्थित है। जबकि रांची और रामगढ़ में लाइमस्टोन के दो-दो खदान शामिल हैं।
इस नीलामी प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार को खनिज खदानों से 3,000 से 4,000 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति होने की संभावना है। जिससे राज्य की कल्याणकारी योजनाओं को गति मिलेगी।
इसके अलावा 2025 में चार बॉक्साइट खदानें, एक कॉप खदान, छह ग्रेफाइट खदानें और दो लाइमस्टोन खदानें भी नीलामी के लिए तैयार हो जाएंगी। इन खदानों का अन्वेषण कार्य वर्तमान में अंतिम चरण में है।
राज्य सरकार ने झारखंड एक्सप्लोरेशन एंड माइनिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (JEMCL) को राज्यभर में खनिजों का पता लगाने और खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह कंपनी लौह अयस्क, कोयला, तांबा, बॉक्साइट और सोना जैसे खनिजों की पहचान कर रही है।
इसके लिए नयी तकनीक जैसे- डिफरेंशियल ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (DGPS) और आर्कजीआईएस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। ताकि भू-वैज्ञानिक मैपिंग और खनन योजनाओं को अधिक सटीकता से तैयार किया जा सके।
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