बिग ब्रेकिंगस्वास्थ्य

अब जेलों में बंद कैदियों को पहलवानों सा खुराक देने की तैयारी

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड सरकार ने राज्य की जेलों में बंदियों को दी जाने वाली डाइट चार्ट में 12 साल बाद बदलाव करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह बदलाव 2012 में लागू किए गए पुराने डाइट चार्ट के आधार पर किया जाएगा। जिसमें कैदियों के भोजन और नाश्ते को लेकर समुचित प्रोटीन की आपूर्ति पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया था। अब जेल आईजी की तरफ से राज्य सरकार को भेजे गए पत्र में नए डाइट चार्ट को मंजूरी देने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें कैदियों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से कई सुधार किए जाएंगे।

यदि राज्य सरकार प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो मांसाहारी कैदियों को अब सप्ताह में तीन दिन 200 ग्राम मुर्गा और एक दिन दो अंडे दिए जाएंगे। वहीं शाकाहारी कैदियों के लिए सप्ताह में तीन दिन 100 ग्राम सोयाबीन बड़ी और एक दिन पनीर की सब्जी का प्रावधान होगा।

इसके अलावा कैदियों को प्रोटीन की पूर्ति के लिए सप्ताह में एक दिन 100 ग्राम खस्सी का मांस भी दिया जाएगा। शाकाहारी कैदियों के लिए एक और बदलाव किया गया है। जिसके तहत उन्हें भोजन में 500 ग्राम खीर भी उपलब्ध कराया जाएगा।

जेल आईजी ने पत्र में उल्लेख किया कि वर्तमान भोजन तालिका में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा नहीं दी जा रही है। जो कि कैदियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि कैदियों को स्वस्थ रखने के लिए यह आवश्यक बदलाव किया जाए। नए डाइट चार्ट में समुचित प्रोटीन की आपूर्ति के अलावा गर्म कपड़े और एक जोड़ी चप्पल भी कैदियों को प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार और केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर के अधीक्षकों ने हाल ही में जेल आईजी को कैदियों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन पत्र भेजे थे। जिसमें नए भोजन तालिका के लिए आग्रह किया गया था। यह पत्र 4 दिसंबर को जेल आईजी को प्राप्त हुआ था। जेल आईजी ने इसके बाद अपनी सिफारिशों के साथ राज्य सरकार को पत्र भेजा है।

झारखंड की जेलों में 17,671 कैदियों की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में इन जेलों में 16,164 कैदी रखे गए हैं। यह संख्या जेलों की क्षमता के काफी करीब है। जिसके चलते कैदियों के स्वास्थ्य और उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए बदलाव जरूरी हो गया था। नए डाइट चार्ट के लागू होने से कैदियों को बेहतर पोषण मिल सकेगा। जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker