रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। आज का युग तकनीक का युग है, जहां हर दिन नई-नई तकनीकें हमारे जीवन को बदल रही हैं। इसी बदलाव की कड़ी में झारखंड सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित योजनाओं, सेवाओं और गतिविधियों को डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इसका मकसद महिलाओं और बच्चों के कल्याण से जुड़े कार्यों को आसान और तेज करना है।
इसी क्रम में झारखंड मंत्रालय में आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आंगनबाड़ी सेविकाओं, पर्यवेक्षिकाओं और हेल्पडेस्क कर्मियों को स्मार्टफोन वितरित किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल कार्यक्षमता बढ़ाएगी, बल्कि पारदर्शिता और रियल टाइम मॉनिटरिंग को भी संभव बनाएगी।
स्मार्टफोन से आएगी कार्यों में तेजी और पारदर्शिताः मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “आज स्मार्टफोन हर व्यक्ति के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है। यह 24 घंटे आपके साथ रहने वाला एक सहयोगी है, जो आपके कार्यों को सरल बनाता है। बिना स्मार्टफोन के एक कदम आगे बढ़ना भी मुश्किल हो गया है। इसी जरूरत को समझते हुए सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं, पर्यवेक्षिकाओं और हेल्पडेस्क कर्मियों को स्मार्टफोन देने का फैसला किया है।”
उन्होंने आगे कहा कि इन स्मार्टफोन्स के जरिए आंगनबाड़ी केंद्रों की दैनिक गतिविधियों की रिपोर्ट और विवरण तैयार करना आसान हो जाएगा। साथ ही, इनका डेटा सुरक्षित रखा जा सकेगा और कार्यों की रियल टाइम मॉनिटरिंग भी संभव होगी। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और सरकार को जमीनी स्तर की सटीक जानकारी मिल सकेगी।
स्मार्टफोन के सुरक्षित उपयोग पर जोरः सीएम ने आंगनबाड़ी कर्मियों से अपील की कि वे स्मार्टफोन का उपयोग सरकार द्वारा निर्धारित ऐप्स और सरकारी कार्यों के लिए करें।
उन्होंने सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा, “ऐप्स डाउनलोड करते समय सतर्क रहें। लुभावने या झूठे संदेशों के बहकावे में न आएं। जरा सी लापरवाही से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कई परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए स्मार्टफोन का सुरक्षित और सही तरीके से इस्तेमाल करें।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि स्मार्टफोन का सही उपयोग कर्मियों के कार्यों को आसान बनाएगा और उनकी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभाने में मदद करेगा।
स्मार्टफोन वरदान भी, चुनौती भीः मुख्यमंत्री ने स्मार्टफोन के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, “स्मार्टफोन ने पूरी दुनिया को हमारी मुट्ठी में ला दिया है। यह हर जानकारी का खजाना है और हमारी जिंदगी को हर पल प्रभावित कर रहा है। लोग घर से पर्स भूल सकते हैं, लेकिन स्मार्टफोन नहीं भूलते। लेकिन हर चीज की तरह इसके भी दो पहलू हैं।”
उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि स्मार्टफोन के जरिए बढ़ते अपराध, जैसे साइबर फ्रॉड और गलत सूचनाओं का प्रसार, एक बड़ी चुनौती बन गए हैं। “यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका उपयोग कैसे करते हैं। सही इस्तेमाल से यह आपकी जिंदगी को आसान बनाएगा, लेकिन लापरवाही बरती तो नुकसान भी हो सकता है,” उन्होंने जोड़ा।
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमुख अधिकारीः इस अवसर पर मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के सचिव मनोज कुमार और निदेशक, सामाजिक सुरक्षा किरण कुमार पासी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी सेविकाएं और पर्यवेक्षिकाएं भी शामिल हुईं, जिन्होंने इस पहल की सराहना की। यह कदम न केवल तकनीकी सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर सरकारी योजनाओं को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
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