रांची दर्पण डेस्क। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा ली गई सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)-2023 को रद्द करने और उसकी जांच सीबीआई एवं ईडी से कराने की मांग को लेकर छात्रों ने मोरहाबादी मैदान स्थित बापू वाटिका में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू कर दिया है।
यह सत्याग्रह तब तक जारी रहेगा जब तक परीक्षा रद्द नहीं होती और निष्पक्ष जांच की मांग पूरी नहीं होती। छात्रों ने स्पष्ट किया है कि वे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण संघर्ष करेंगे और जब तक न्याय नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
अनशनकारी छात्रों का कहना है कि राज्य सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए, अन्यथा राज्य के छात्र एवं युवा सरकार बदलने की ताकत रखते हैं। उनका दावा है कि सीजीएल परीक्षा में कई अनियमितताएं हुई हैं और उसकी निष्पक्ष जांच के बिना उनका भविष्य खतरे में है।
सरकार से अपील करते हुए छात्रों ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से इस आंदोलन को पूरा किया जाएगा, लेकिन यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन व्यापक रूप से फैल सकता है।
इस बीच जेएसएससी ने परीक्षा की उत्तर कुंजी पर आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा को 30 सितंबर से बढ़ाकर 2 अक्तूबर कर दिया है, ताकि छात्र अपनी आपत्तियां दर्ज कर सकें। यह परीक्षा 21 और 22 सितंबर को राज्य के 823 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
वहीं, जेएसएससी कार्यालय के सामने सोमवार को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में 14 नामजद और 1000 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया और पुलिस पर पत्थरबाजी की। इस घटना ने राज्य प्रशासन और आयोग के सामने एक गंभीर स्थिति पैदा कर दी है।
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