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पारा शिक्षकों की द्वितीय आंकलन परीक्षा की प्रक्रिया शुरू, जानें डिटेल

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड राज्य में सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) की द्वितीय आंकलन परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस परीक्षा का उद्देश्य उन पारा शिक्षकों को एक और अवसर प्रदान करना है, जिन्होंने अब तक झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) पास नहीं की है।

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने इस संबंध में आवेदन जमा करने की तिथि की घोषणा कर दी है। इच्छुक शिक्षक 1 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2024 तक जैक की आधिकारिक वेबसाइट (www.jac.jharkhand.gov.in/jac) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

परीक्षा शुल्क के रूप में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 500 रुपये तथा अन्य वर्गों के लिए 750 रुपये निर्धारित किया गया है। परीक्षा शुल्क ऑनलाइन जमा करना अनिवार्य है, क्योंकि बिना शुल्क जमा किए अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र जारी नहीं किया जाएगा। प्रवेश पत्र डाउनलोड करने और परीक्षा की तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

परीक्षा में सफल होने पर 10% मानदेय वृद्धि का अवसरः पारा शिक्षकों के लिए यह परीक्षा एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि इसमें सफल होने वाले अभ्यर्थियों के मानदेय में 10% की बढ़ोतरी की जाएगी। वर्तमान में राज्य में लगभग 47,000 पारा शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (JTET) पास नहीं की है। इस परीक्षा के माध्यम से उन्हें अपने करियर में आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है।

आदर्श विद्यालयों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा की तैयारीः झारखंड के 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों और 325 प्रखंड स्तरीय आदर्श विद्यालयों में भी 30 सितंबर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इन परीक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) को सौंपी है। कक्षा 8 की परीक्षा 30 सितंबर को आयोजित की जाएगी, जबकि कक्षा 9 और 10 की परीक्षा 1 अक्टूबर को होगी। इसके बाद, कक्षा 11 और 12 की परीक्षा 4 और 5 अक्टूबर को संपन्न होगी।

इन परीक्षाओं के सफल आयोजन से राज्य के शिक्षा स्तर में सुधार की उम्मीद है और शिक्षकों की योग्यता में वृद्धि होगी, जिससे झारखंड के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर हो सकेगी।

झारखंड में पारा शिक्षकों की द्वितीय आकलन परीक्षा का आयोजन उनके लिए एक बड़ा अवसर है, जिससे उन्हें न केवल अपने मानदेय में वृद्धि का मौका मिलेगा, बल्कि उन्हें अपने करियर को स्थायित्व प्रदान करने का भी अवसर प्राप्त होगा। शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए ये कदम राज्य के शिक्षा तंत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माने जा रहे हैं।

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