बिग ब्रेकिंग

रांची डीसी को लेकर हाई कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार, पूछा- वे किस-किस मामले में आरोपी है?

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क डेस्क। झारखंड हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी करते हुए ने अनगड़ा में माइनिंग लीज आवंटन मामले में दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार को कड़ी फटकार लगायी और कहा कि कोर्ट को सौंपे गये दस्तावेजों को देखने से लगता है कि मामला जनहित से जुड़ा है और महत्वपूर्ण है।

खंडपीठ ने रांची डीसी के स्पष्टीकरण को देखने व प्रार्थी का जवाब सुनने के बाद गंभीर टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा कि क्या कोई आरोपी अधिकारी कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर सकता है? उपायुक्त रांची किस-किस मामले में आरोपी है। उस मामले की क्या स्थिति है। ट्रायल का क्या स्टेटस है।

इस पर महाधिवक्ता राजीव रंजन ने शपथ पत्र के माध्यम से जानकारी देने की बात कही। इडी व प्रार्थी की आइए याचिका पर जवाब देने के लिए राज्य सरकार की और से समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज और शेल कंपनियों के मामले में राज्य सरकार की ओर से दाखिल एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट अब 24 मई को सुनवाई करेगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई वेकेशन कोर्ट में करेगा।

इससे पहले, झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के के करीबियों की ओर से शेल कंपनियों में निवेश करने और रांची के अनगड़ा में खनन लीज आवंटन मामले में रांची के उपायुक्त छवि रंजन की भी मुश्किलें बढ़ गयी है।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए मौखिफ टिप्पणी करते हुए कहा कि कोर्ट को सौंपे गये दस्तावेजों को देखने से लगता है कि मामला जनहित से जुड़ा है और महत्वपूर्ण है।

खंडपीठ ने रांची उपायुक्त के स्पष्टीकरण देखने और प्रार्थी का जवाब सुनने के बाद गंभीर टिप्पणी करते हुए सरकार से पूछा कि क्या कोई आरोपी अधिकारी कोर्ट में शपथ पत्र दायर कर सकता है ?

उपायुक्त छवि रंजन की ओर से प्रार्थी के अधिवक्ता को धमकी देने संबंधी दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने महाधिवक्ता से पूछा कि उपायुक्त छवि रंजन ने प्रार्थी के अधिवक्ता को क्यों फोन किया था।

इस पर महाधिवक्ता ने बताया कि धमकी देने की बात झूठी है और अधिवक्ता राजीव कुमार ने उपायुक्त को कई बार कॉल किया है। वह इस संबंध में कॉल डिटेल पेश करेंगे कि अधिवक्ता राजीव कुमार ने उपायुक्त को कितनी बार कॉल किया है।

सीएम के खनन लीज और शेल कंपनियों को लेकर प्रार्थी शिव शंकर शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी है। इस मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से माइनिंग लीज से जुड़े मामले में हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी, जिसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जिम्मे खनन एवं वन पर्यावरण विभाग भी है।

उन्होंने स्वयं पर्यावरण क्लीयरेंस के लिए आवेदन दिया और पट्टा हासिल किया। ऐसा करना पद का दुरुपयोग और जन प्रतिनिधि अधिनियम का उल्लंघन है। इसलिए पूरे मामले की सीबीआई से जांच करायी जाए।

प्रार्थी की ओर से याचिका के माध्यम से हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की भी मांग की गयी। याचिकाकर्त्ता शिव शंकर शर्मा की ओर से शेल कंपनियों से संबंधित मामले में भी याचिका दायर कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के पैसे को ठिकाने लगाने के लिए कई शेल कंपनियां बनाने के मामले की जांच सीबीआई, ईडी और आईटी से कराने की मांग की है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है।

बड़ा हादसा टलाः अचानक बीच सड़क धू-धू कर जलने लगी स्कूल बस, शुक्र है…

पुलिस ने राँची रिंग रोड किनारे कार में नाबालिग संग गैंगरेप करते पांच युवक को दबोचा

बड़ा खुलासाः न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने खरीदा 9.30 एकड़ खासमहाल की जमीन, 19 लोगों को नोटिस

गड़बड़ीः राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दीया सेवा संस्थान का औचक निरीक्षण किया

जमीन कारोबारी की हत्या की सुपारी लेकर गोली मारने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker