
रांची दर्पण डेस्क। राजधानी रांची के रातू रोड स्थित दुर्गा मंदिर रोड निवासी बैंक ऑफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक ईश्वर चंद्र झा (42) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना ने उनके परिवार और आसपास के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है। पुलिस के अनुसार उनके कमरे में शव रस्सी के सहारे लटका हुआ मिला। उनकी पत्नी भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कर्मचारी हैं और रांची में ही कार्यरत हैं और वह उस समय घर पर मौजूद नहीं थीं।
मात्र 20 दिन पहले ही ईश्वर चंद्र झा और उनकी पत्नी बेटे के जन्म की खुशी मना रहे थे। घर में उत्सव का माहौल था, लेकिन इस अप्रत्याशित घटना ने सब कुछ बदल दिया। परिवार और पड़ोसियों के लिए यह हादसा किसी बड़े झटके से कम नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि झा परिवार अपनी सादगी और मिलनसार स्वभाव के लिए जाना जाता था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना के दिन सुबह ईश्वर चंद्र झा और उनकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर मामूली कहासुनी हुई थी। हालांकि कुछ देर बाद स्थिति सामान्य हो गई थी। इसके बाद उनकी मां पूजा का सामान लेने घर से बाहर गईं और पत्नी भी किसी काम से बाहर निकली थीं। इसी दौरान ईश्वर चंद्र ने अपने कमरे में फांसी लगा ली।
पत्नी के घर लौटने पर उन्होंने अपने पति को फंदे से लटकते देखा और जोर-जोर से शोर मचाया। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। पड़ोसियों ने तत्काल उन्हें रस्सी से उतारा और नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रातू थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की गहन जांच कर रही है। घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिसके कारण आत्महत्या के सटीक कारणों का पता लगाना अभी बाकी है। पुलिस ने परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि घटना के पीछे की परिस्थितियों को समझा जा सके।
ईश्वर चंद्र झा के निधन की खबर से बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारियों और स्थानीय बैंकिंग समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सहकर्मियों ने उन्हें एक समर्पित और जिम्मेदार अधिकारी के रूप में याद किया। बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईश्वर एक कुशल प्रबंधक थे। उनकी अचानक मृत्यु हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।
ईश्वर चंद्र झा के परिवार में उनकी पत्नी, नवजात बेटा और मां हैं। इस हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों का घर में आना-जाना लगा हुआ है, जो परिवार को इस दुख की घड़ी में सांत्वना दे रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के महत्व को रेखांकित करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव और पारिवारिक कलह जैसी परिस्थितियों में समय रहते काउंसलिंग और समर्थन जरूरी है। रांची में कई स्वयंसेवी संगठन और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध हैं, जो इस तरह की परिस्थितियों में मदद प्रदान करते हैं।
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