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    Saturday, May 4, 2024
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      320 फीट की उंचाई से छलकती झारखंड का विश्व प्रसिद्ध हुंडरू जलप्रपात

      राँची दर्पण डेस्क। विश्व प्रसिद्ध हुंडरू जलप्रपात झारखंड का सबसे मनोरम जलप्रपात माना जाता है। यह रांची से करीब 45 किलो मीटर दूर स्वर्णरेखा नदी के किनारे है।

      यह जल प्रपात 320 फीट की उंचाई से गिरता है। इतनी ऊंचाई से गिरते पानी देख कर मन खुशियों से भर जाता है। झरने से गिरते पानी की आवाज व घने जंगलों का दृश्य इसमें चार चांद लगा देता है।

      यह झारखंड का सबसे उंचा जलप्रपात है। बरसात के दिनों में इसकी धारा मोटी हो जाती है। बरसात के दिनों में तो इसका दृश्य और भी सुंदर व मनमोहक हो जाता है। प्रकृति की गोद में बसे हुंडरू फॉल की खूबसूरती देखते ही बनती है।

      बरसात के मौसम में यह एक जबरदस्त रूप ले लेता है, लेकिन गर्मियों में यह एक रोमांचक पिकनिक स्थल में बदल जाता है, वैसे तो यहां सैलानियों का आना–जाना सालोभर लगा रहता है। परंतु दिसंबर से फरवरी माह के बीच यहां बड़ी तादाद में लोग पहुंचते हैं।

      जलप्रपात से सिकीदरी में पनबिजली का उत्पादनः हुंडरू प्रपात झारखंड राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई से गिरने वाला प्रपात है, अत: पर्यटन पटल पर सर्वाधिक प्रसिद्ध भी यही है।

      स्वर्णरेखा नदी की जलराशि से प्रस्फ़ुटित इस प्राकृतिक झरने के ऊँचाई से गिरने का लाभ झारखंड राज्य को पनबिजली के रूप में विगत 50 वर्षों से प्राप्त होता आ रहा है।

      यहाँ औसतन 100 मेगावाट पनबिजली इस परियोजना से पैदा होती है, जिसे सिकिदिरी प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है।

      कैसे पहुंचे हुंडरू फॉलः हुंडरू फॉल पहुंचने के लिए रांची से दो रास्ते हैं। पहला रास्ता रांची से ओरमांझी, सिकिदिरी होते हुए हुंडरू फॉल तक जाता है, जिसकी दूरी रांची से 45 किलोमीटर है।

      झारखंड की राजधानी राँची से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित हुंडरू प्रपात के लिये अच्छी सड़क है, जहाँ राँची-पटना हाईवे के किसी तरफ़ से आकर भी पहुँचा जा सकता है।

      नेशनल हाईवे पर स्थित राँची ज़िले के ओरमाँझी ब्लाक चौक से पूर्व दिशा की ओर जाने वाली पक्की सड़क से सिकिदिरी लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है, जहाँ से हुंडरू प्रपात तक पहुँचने के लिये सुन्दर नयनाभिराम पहाड़ियों के अंचल में लगभग 7 से 8 किलोमीटर और आगे सर्पीले मार्ग से जाना पड़ता है।

      सैलानी झरने के उद्गम तथा नीचे की तलहटी, दोनों तरफ़ से प्रपात की गिरती स्वच्छ-धवल जलराशि देखने का आनन्द उठा सकते हैं। हुंडरू फॉल के रास्ते में जैविक उद्यान और मुटा मगरमच्छ  प्रजनन केंद्र भी पड़ता है।

      सैलानी चाहे तो इन दोनों पयर्टन स्थलों की सैर कर सकते हैं। दूसरा रास्ता रांची से अनगड़ा, गेतलसूद होते हुए हुंडरू फॉल तक जाता है, जिसकी दूरी 42 किलोमीटर है। इस पथ से आने से जोन्हा व सीता फॉल भी पहुंचा जा सकता है।

      बरतें आवश्यक सावधानीः जलप्रपात के नीचे और ऊपर कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां स्नान करना खतरनाक है। ऐसे स्थानों को ऊपर से देखने पर पानी और गहराई कम दिखाई देती है, परंतु पानी के अंदर काफी गहराई होती है।

      जलप्रपात के ऊपर में साहेब चिकिया व हुंडरू बाबा स्थल तथा नीचे में जोगिया दाह व भंडार दाह काफी खतरनाक हैं।

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