अन्य
    Friday, December 26, 2025
    अन्य

      JSSC CGL पेपर लीक: रांची से काठमांडू तक जुड़े तार, CM के आदेश पर CID जांच शुरू

      JSSC CGL पेपर लीक मामले ने झारखंड में परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। CID की जांच से आने वाले दिनों में इस साजिश के पीछे के नाम और गहराई से जुड़े तार उजागर होने की उम्मीद है

      रांची दर्पण (मुकेश भारतीय)। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा में पेपर लीक (JSSC CGL पेपर लीक) का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर इस मामले की CID जांच शुरू कर दी गई है। जांच का आधार रातू थाने में हजारीबाग निवासी राजेश प्रसाद की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी है, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए हैं और कई चौंकाने वाली जानकारियां दी गई हैं।

      कैसे हुआ खुलासा? राजेश प्रसाद ने अपनी शिकायत में बताया कि 26 सितंबर को JSSC कार्यालय के सामने कुछ छात्रों के बीच परीक्षा लीक पर चर्चा हो रही थी। यह कहा जा रहा था कि परीक्षा की तिथि से पहले आसनसोल, नियामतपुर, नालंदा, मुजफ्फरपुर, रांची, मांडू, दिल्ली और काठमांडू जैसे स्थानों पर छात्रों को प्रश्नपत्र और उनके उत्तर उपलब्ध कराए गए। छात्रों को परीक्षा में लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें गुप्त स्थानों पर इकट्ठा किया गया और तैयारी करवाई गई।

      प्राथमिकी में तीन प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया गया है, जो पेपर लीक के स्पष्ट प्रमाण पेश करती हैं। रातू मखमंदरो सेंटर: एक अभ्यर्थी परीक्षा शुरू होने से पहले मोबाइल से बात करते हुए कुछ लिख रहा था। हजारीबाग निवासी आशीष कुमार ने उस लिखावट को नोट किया और इसे सुरक्षित रखा। जांच में यह पाया गया कि यह परीक्षा में आए प्रश्नों से मेल खाते हैं।

      धनबाद के बीएड कॉलेज सेंटर: गिरिडीह निवासी प्रेम लाल ठाकुर द्वारा बनाई गई एक वीडियो क्लिप में एक व्यक्ति सड़क किनारे चलते हुए मोबाइल पर बात करते हुए प्रश्न लिख रहा था। पूछने पर वह भाग खड़ा हुआ और लिखे कागज को फाड़ दिया। बाद में, उन टुकड़ों को जोड़ने पर परीक्षा के प्रश्नपत्र के उत्तर मिले।

      बलियापुर सेंटर: गिरिडीह निवासी रामचंद्र मंडल ने परीक्षा शुरू होने से पहले एक व्यक्ति को कागज पर प्रश्न लिखते हुए देखा। उन्होंने उस कागज की तस्वीर अपने मोबाइल में सुरक्षित रखी। यह तस्वीर भी घटना के समय की पुष्टि करती है।

      चौंकाने वाले आरोपः शिकायत में यह भी आरोप है कि JSSC CGL परीक्षा के लिए सवाल SSC CGL 2019 और 2022 के प्रश्नपत्रों से लिए गए थे। बड़े पैमाने पर प्रश्न लीक किए गए ताकि कुछ खास अभ्यर्थी लाभान्वित हों। आंसर की जानबूझकर गलत प्रकाशित की गई ताकि आपत्तियां दर्ज की जा सकें। इंटरनेट सेवाएं बंद कराने का मकसद इस साजिश को अंजाम देना था। JSSC के अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य एजेंसियों की मिलीभगत से यह षड्यंत्र रचा गया।

      CID जांच सवालों के घेरे में सिस्टमः CID अब शिकायत में दर्ज तथ्यों की गहनता से जांच कर रही है। शिकायत में उल्लेखित वीडियो, तस्वीरें और मोबाइल रिकॉर्ड्स की जांच की जाएगी। इन सबूतों के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि इस षड्यंत्र में कौन-कौन शामिल हैं और इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड कौन है।

      इस गंभीर मामले ने झारखंड में परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। CID की जांच से आने वाले दिनों में इस साजिश के पीछे के नाम और गहराई से जुड़े तार उजागर होने की उम्मीद है।

      - Advertisment -

      LEAVE A REPLY

      Please enter your comment!
      Please enter your name here

      This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

      RELATED ARTICLES
      - Advertisment -

      Most Popular

      - Advertisment -