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    Friday, December 26, 2025
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      झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने छात्रवृत्ति के लिए केंद्र से पैसा मांगा

      रांची दर्पण डेस्क। झारखंड सरकार ने एक बार फिर अपनी प्राथमिकता को दोहराते हुए कहा है कि वह राज्य के विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने स्पष्ट किया कि छात्रवृत्ति केवल आर्थिक सहायता का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय, समान अवसर और शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

      मोरहाबादी स्थित कल्याण कॉम्प्लेक्स में आयोजित एक समीक्षा बैठक में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना की प्रगति का जायजा लिया। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक की अवधि में छात्रवृत्ति वितरण की स्थिति पर विस्तृत चर्चा हुई।

      समीक्षा के दौरान सामने आया कि इस अवधि में पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत कुल 11,34,183 छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 7,45,557 पात्र विद्यार्थियों के बैंक खातों में ₹1202.89 करोड़ की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से हस्तांतरित की जा चुकी है।

      बैठक में यह भी उजागर हुआ कि केंद्र सरकार से लगभग ₹900 करोड़ की बकाया राशि अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। इस राशि के अभाव में शेष पात्र विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति प्रदान करने में बाधा उत्पन्न हो रही है। कल्याण मंत्री ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को औपचारिक रूप से पत्र लिखकर बकाया राशि शीघ्र उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।

      कल्याण मंत्री ने जोर देकर कहा कि छात्रवृत्ति योजनाएं केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं हैं। ये योजनाएं समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाने और उन्हें उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। खासकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो रही है।

      कल्याण आयुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया कि सभी पात्र छात्र-छात्राओं का डेटा डिजिटल रूप में संग्रहित किया गया है और आधार-लिंक्ड बैंक खातों के माध्यम से राशि का हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा रहा है। इससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है, बल्कि भ्रष्टाचार की संभावना भी समाप्त हुई है।

      कल्याण मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष में छात्रवृत्ति योजनाओं के दायरे को और विस्तार देने की योजना बना रही है। इसके तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। साथ ही ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के छात्रों तक योजना का लाभ पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।

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