रांची दर्पण डेस्क। मॉब लिंचिंग की घटनाओं को दुःखद और अस्वीकार्य करार देते हुए, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज राज्य सरकार की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय दिया और उन्होंने मॉब लिंचिंग के 28 पीड़ितों और झारखंड उत्पाद सिपाही शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान दुर्घटनावश मृत्यु के शिकार 15 युवाओं के आश्रित परिवारों को चार-चार लाख रुपए का चेक प्रदान किया। इसके अलावा एक घायल व्यक्ति के आश्रित को 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “ये घटनाएं न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक रूप से भी अत्यंत दुखद और पीड़ादायक हैं। हमने कई प्रियजनों को खोया है जिन्हें वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन हमारा प्रयास होगा कि हम इन पीड़ित परिवारों को सहायता प्रदान कर उन्हें एक नई दिशा में आगे बढ़ने का मौका दें।”
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्व. मिथुन सिंह खेरवार की पुत्री सोनाक्षी कुमारी को 5 लाख रुपए की सहायता राशि दी, जो 2023 में रांची के ओरमांझी थाना अंतर्गत मॉब लिंचिंग की घटना में अपने पिता को खो चुकी थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उनके साथ है और उन्हें आर्थिक सहायता देकर उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास कर रही है।
राज्य सरकार की संवेदनशीलता और सहायताः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस प्रकार की घटनाओं को बेहद गंभीरता से ले रही है और केंद्र सरकार से इन मामलों की विस्तृत जांच कराने का अनुरोध किया है। राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाओं में मारे गए 28 लोगों की असमय मृत्यु को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं राज्य के लिए बड़ी चुनौती हैं, जिनसे निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड उत्पाद सिपाही की शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान हुई 15 नौजवानों की मौत से राज्य सरकार व्यथित है और इस घटना की भी पूरी जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को इस घटना के लिए पत्र भेजकर डॉक्टरों की एक बड़ी टीम से जांच कराने की मांग की है।
भविष्य की सुरक्षा और सरकारी योजनाओं का समर्थनः मुख्यमंत्री सोरेन ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के भविष्य की चिंता कर रही है। उन्होंने कहा, “हम आपको आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई योजनाओं से जोड़ेंगे, जिससे आप अपने पैरों पर खड़े हो सकें। आपके बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
इस कार्यक्रम में मंत्री हफीजुल हसन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह विभाग वंदना दादेल, और डीजी पुलिस मुख्यालय आरके मल्लिक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
वेशक यह पहल राज्य सरकार की संवेदनशीलता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मॉब लिंचिंग जैसी दुखद घटनाओं से प्रभावित परिवारों को उम्मीद और साहस देती है। क्योंकि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को विश्वास दिलाया है कि सरकार उनके साथ खड़ी है और भविष्य में भी उनके लिए ठोस कदम उठाएगी।
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