ओरमांझी (रांची दर्पण), 26 सितंबर 2024: रांची जिले के ओरमांझी अंचल अंतर्गत चुटूपालू घाटी में अवैध पत्थर खनन और पहाड़ों की कटाई की बढ़ती समस्याओं पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने स्वतः संज्ञान लिया है। एक रिपोर्ट के बाद एनजीटी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।
कमेटी में रांची उपायुक्त, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शामिल हैं। इन सभी को मामले की गहराई से जांच करके 30 सितंबर को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।
हाल ही में की गई सुनवाई में कमेटी यह रिपोर्ट प्रस्तुत करने में असफल रही है, जिससे एनजीटी ने फिर से 30 सितंबर को सुनवाई निर्धारित की है। एनजीटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब और समय नहीं दिया जाएगा।
चुटूपालू घाटी में अवैध क्रशरों की संख्या बढ़ने से न केवल पहाड़ों की ऊंचाई घट रही है, बल्कि वहां की हरियाली भी तेजी से समाप्त हो रही है। बिना अनुमति के चल रहे ये क्रशर विस्फोटों के जरिए पत्थर तोड़ते हैं, जो पर्यावरण पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल रहे हैं। इसके अलावा स्थानीय किसानों की भूमि बंजर हो रही है और आसपास के ग्रामीण विभिन्न रोगों का शिकार हो रहे हैं।
स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों ने एनजीटी से अपील की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो चुटूपालू घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य और पारिस्थितिकी तंत्र दोनों को संकट का सामना करना पड़ेगा।
इस मामले की अगली सुनवाई अब 30 सितंबर को होगी, जहां जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। सभी की निगाहें इस सुनवाई पर टिकी हुई हैं, ताकि चुटूपालू घाटी में हो रहे इस अत्याचार को रोका जा सके।
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