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सिल्ली-इलू बाइपास रेल लाइन का रास्ता साफ, रांची-टाटा-हावड़ा रेल यात्रा होगी तेज

रांची दर्पण संवाददाता। रांची रेल मंडल ने सिल्ली-इलू बाइपास रेल लाइन के निर्माण के लिए निविदा जारी कर दी है। इससे इस महत्वपूर्ण परियोजना का रास्ता साफ हो गया है। इस 5.9 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के निर्माण का लक्ष्य जून 2027 तक पूरा करना है। इस परियोजना से रांची, टाटा और हावड़ा के बीच रेल यात्रा में 45 मिनट से 2 घंटे तक की समय की बचत होगी। साथ ही रेलवे के ईंधन खर्च में भी कमी आएगी।

वर्तमान में सिल्ली से इलू तक 13 किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 50 मिनट का समय लगता है। इसका कारण यह है कि हावड़ा या टाटा जाने वाली ट्रेनों को मुरी स्टेशन पर इंजन रिवर्स करना पड़ता है, जिसमें 30 से 40 मिनट लगते हैं।

इसके अलावा मुरी से इलू तक 4 किलोमीटर की दूरी तय करने में 10 मिनट का समय लगता है। नई बाइपास लाइन के बनने के बाद यह दूरी मात्र 20 मिनट में पूरी हो सकेगी, जिससे यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।

रांची रेल मंडल के प्रबंधक जसमीत सिंह बिंद्रा ने इस परियोजना के कार्यान्वयन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस बाइपास रेल लाइन के निर्माण पर लगभग 140 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जमीन अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

इस परियोजना का प्रारंभिक सर्वे वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट में स्वीकृत हुआ था। पहले सर्वे में रेल लाइन की लंबाई 13 किलोमीटर थी, जो बाद के सर्वे में घटकर 10 किलोमीटर और अंतिम सर्वे में 5.9 किलोमीटर हो गई। प्रारंभ में इस परियोजना का बजट 125 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जो अब बढ़कर 140 करोड़ रुपये हो गया है।

सिल्ली-इलू बाइपास रेल लाइन की मांग वर्ष 2015 से की जा रही थी। इस लाइन के निर्माण से न केवल आसपास के क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि मुरी जंक्शन पर ट्रेनों का दबाव भी कम होगा।

वर्तमान में मुरी स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेनों के साथ-साथ मालगाड़ियों का भी भारी दबाव रहता है। रांची, बरकाकाना, चांडिल, और बोकारो को जोड़ने वाली ट्रेनें मुरी स्टेशन से होकर गुजरती हैं।

रांची से टाटा जाने वाली ट्रेनों को मुरी स्टेशन पर इंजन बदलने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। नई बाइपास लाइन के बनने से इंजन बदलने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इससे रांची से टाटा का सफर केवल 3 घंटे 30 मिनट में पूरा हो सकेगा। वर्तमान में रांची-टाटा एक्सप्रेस मुरी, कोटशिला और पुरुलिया होकर 5 घंटे 30 मिनट में टाटानगर पहुंचती है।

इस बाइपास रेल लाइन के निर्माण से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि रेलवे के ईंधन खर्च में भी कमी आएगी। साथ ही इस परियोजना से सिल्ली और इलू जैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह रेल लाइन रांची-टाटा-हावड़ा रेल मार्ग को और अधिक कुशल बनाएगी, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और विकास को नई गति मिलेगी।

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