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हजारीबाग SDO की पत्नी की जलकर मौत ने मचाया बवाल, उभरे गंभीर आरोप

यह घटना न केवल हजारीबाग बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है। सवाल है कि क्या प्रशासन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा या फिर मामले को दबाने की कोशिश की जाएगी…?

विशेष संवाददाता (रांची दर्पण)। हजारीबाग सदर एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनिता कुमारी की मौत ने हड़कंप मचा दिया है। 43 घंटे तक इलाज के बाद रांची के एक निजी अस्पताल में अनिता ने दम तोड़ दिया। इसके बाद एसडीओ, उनके परिवार के सदस्यों और उनके भाई की पत्नी पर गंभीर आरोप लग रहे हैं।

अनिता के परिजनों का आरोप है कि एसडीओ अशोक कुमार, उनके पिता दुर्योधन साव, छोटे भाई और उनकी पत्नी ने अनिता पर तारपीन का तेल डालकर आग लगाई। इलाज के दौरान अनिता की मौत के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए रांची स्थित रिम्स भेजा गया।

पोस्टमार्टम के बाद अनिता के परिजन शव को लेकर सीधे हजारीबाग लौटे और लोहसिंघना थाना का घेराव किया। प्रदर्शन दोपहर तीन बजे से देर रात तक जारी रहा। गुस्साए परिजनों और प्रदर्शनकारियों ने कैंडल जलाकर विरोध जताया। वे एसडीओ और अन्य आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे।

परिजनों का कहना है कि तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने एसडीओ अशोक कुमार के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनका आरोप है कि घटना स्थल से साक्ष्य मिटाने की कोशिश हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि जिन पर कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी है, वे ही कानून के प्रति जवाबदेह नहीं दिख रहे हैं।

स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए एसडीओ के सरकारी और निजी आवास पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। महिला अधिकारी समेत दो मजिस्ट्रेट ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बयान दर्ज किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।

लोगों का कहना है कि एसडीओ के घर में ऐसी घटना होने के बावजूद आसपास रहने वाले अधिकारियों ने पुलिस को सूचना नहीं दी। यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है।

परिजन और स्थानीय लोग अब भी अनिता कुमारी को न्याय दिलाने के लिए जुटे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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