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मुख्यमंत्री ने 60_40 हकमार नीति को स्वीकार किया, अब समाप्त करना होगा : देवेंद्र नाथ महतो

राँची दर्पण डेस्क। 60_40 नाय चलतो आंदोलन के अगुवा जेएसएसयू प्रमुख और जेबीकेएसएस के केंदीय अध्यक्ष सदस्य देवेंद्र नाथ महतो ने ऑक्सीजन पार्क मोराबादी रांची में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछली नौ महीना से लम्बी आंदोलन के परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री चलती मानसून सत्र के समापन भाषण के दौरान नियोजन नीति मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए राज्य सरकार के द्वारा चल रहे सभी नियुक्ति प्रक्रिया 60_40 नीति के तहत होने बात को स्वीकार किया लेकिन समाप्त नहीं किया।

इससे पूर्व खारखंड स्टेट स्टुडेंट्स यूनियन के नेतृत्व में पिछले नौ महीनों से चल रहे 60_40 नाय चलतो आंदोलन विभिन्न स्वरूप में एतिहासिक सफल रहा , हमेशा आंदोलन को कुचलने के लिए प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाने का प्रयास किया गया, सैकड़ों छात्रों/अभिभावकों के ऊपर लाठी बरसाया गया, धारा मुकदमा दायर किया गया, माताओं का सिर से खून बहाया गया।

मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने मुख्यमंत्री को अब 60_40 हकमार नीति वापस कर 72 विधायक द्वारा दिया गया लिखित समर्थन क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा से सुसज्जित खतियान आधारित संवैधानिक नियोजन नीति लागू करके नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किया जाय जिससे झारखंड में झारखंडियों का नौकरी हो, तथा आंदोलन के दौरान राज्यभर में हुई फर्जी मुकदमा को वापस करना चाहिए।

झारखण्ड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि राज्य में बढ़ती भ्रष्टाचार कदाचार को देखते हुए हमलोग ने नकल विरोधी कड़ा कानून का मांग लेकर लगातार करते आए हैं, विगत 19 मार्च को संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम जी को सौंपे गए 7 वें मांग में स्पष्ट जिक्र किए हुए हैं, झारखंड सरकार द्वारा भर्ती में अनुचित साधनों पर रोकथाम और निवारण का से लाया गया विधेयक में बड़ी चालाकी से काला विधेयक का प्रावधान किया गया है।

झारखंड सरकार के विधि विभाग द्वारा 17 पेज वाला विधेयक के के पेज नंबर 2 के कंडिका 2 का सात में जो ड्यूटी में तैनात मित्र और रिश्तेदार का जिक्र किया है जो आपत्तिजनक है, आने वाले दिनों में परीक्षा में धांधली करने वालों को मित्र और रिश्तेदार के नाम से बचाया जाने का संभावना है, उक्त दोनों शब्द को विलोपित किया जाय ।

विधयक के पेज नंबर 6 के कंडिका 11 का दो में जो परीक्षाओं से सम्बंधित प्रश्न पत्रों, उत्तर पत्रकों के संबंध में सूचना देना तथा शिकायतों को प्रसारित करने वाले प्रबंध तंत्र, संस्था को अपराध का दोषी माना जायेगा, इस प्रावधान के दर से प्रश्न पत्र और उत्तर पत्रकों में गड़बड़ी होने पर छात्र आवाज उठाने से डरेंगे मिडिया प्रसारित करने से घबराएंगे इस विधेयक के माध्यम से सेटिंग गेटिंग करने वाले सरगना खुले तौर पर सब शीट को बेच देंगे फिर भी आवाज नहीं उठा पाएंगे।

विधेयक के पेज नंबर 8 के कंडिका 13 का एक के तहत इस अधिनियम के उपबंध के अधीन आने वाले छात्रों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल होने मात्र से उसी तिथि से दो से पांच वर्ष तक तथा दोष सिद्ध होने पर 10 वर्षो के लिए समस्त सरकारी प्रतियोगिता परीक्षाओं में बैठने से वंचित कर दिया जायेगा तथा उसी छात्र को पुन: अभियोजित बनाकर आरोप पत्र दाखिल करने पर उक्त तिथि से पांच से दस वर्षो तक तथा दोष सिद्ध होने पर आजीवन के लिए सभी प्रकार के प्रतियोगी परीक्षा से वंचित कर दिया जायेगा, यह छात्रों के लिए काला कानून है।

विधेयक के पेज नंबर 12 के कंडिका 23 के एक के क और ख में प्रावधान के अनुसार एफआईआर दर्ज करने से पूर्व किसी भी प्रकार का प्रारंभिक जांच का आवश्यकता नहीं है, तथा गिरफ्तार करने के लिए किसी अन्वेषक अधिकारी अनुमोदन का भी जरूरत नहीं है यह काला कानून है।

मौके पर देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकार किया गया 60_40 हकमार नियोजन  नीति को समाप्त करने तथा झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 का संशोधन को लेकर झारखंड आंदोलन के मसीहा शहीद निर्मल दा के पुण्यतिथि के अवसर पर सिल्ली में 60_40 नाय चलतो आवाज को बुलंद करते हुए खतियानी बाईक रैली का अयोजन कर निर्मल महतो के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सभा संबोधन कार्यक्रम का अयोजन किया जायेगा।

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