Home आस-पास हरचन्डा सरना पूजा समिति द्वारा पूर्व संध्या करम पर्व समारोह का आयोजन

हरचन्डा सरना पूजा समिति द्वारा पूर्व संध्या करम पर्व समारोह का आयोजन

आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति के अस्तित्व को बचाने के लिए सभी को संगठित होना होगा : राजेश कच्छप

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ओरमांझी (राँची दर्पण)। शहीद चरकु उराँव स्मारक स्थल हरचन्डा बाजार मैदान में बुधवार को हरचन्डा सरना पूजा समिति द्वारा करम पर्व पूर्व संध्या करम समारोह का आयोजन किया गया। जिसकी शुरुआत पाहन राजा द्वारा आदिवासी रीति रिवाज से पूजा पाठ कर किया गया।

Eve Karam Parv Celebration organized by Harchanda Sarna Puja Committee 3इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय विधायक राजेश कच्छप, व केंद्रीय सरना समिति रांची के अध्यक्ष अजय तिर्की शामिल हुए।

करम पूर्व संध्या कार्यक्रम में अनेकों जगहों से लोग आदिवासी वेशभूषा में ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचे थे। जहां महिलाओं एवं पुरुषों ने करम डाली गाड़कर करम नृत्य किया। विधायक व अन्य अतिथियों ने भी महिलाओं एवं पुरुषों के साथ नृत्य किया।

मौके विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि आदिवासियों की सभ्यता संस्कृति को बचाए रखने के लिए जल जंगल जमीन की रक्षा जरूरी है। संगठित होकर ही हम अपने जल जंगल जमीन की रक्षा कर सकते हैं। झारखंड के अस्तित्व की रक्षा के लिए आदिवासी सभ्यता और संस्कृति को बचाना होगा।

उन्होंने कहा कि अपने बाल बच्चों को बेहतर शिक्षा दें, ताकि वह झारखंड राज्य को विकास की ओर ले जाने में अपना योगदान दे सके। करम जल जंगल की रक्षा का पर्व है। लोगों को इसकी रक्षा के लिए आगे आना होगा। इसके रक्षा का शपथ लेना होगा।

वहीं स्थानीय वक्ताओं ने विधायक से कहा कि यह जमीन  बचाना है। इसके लिए हम लोगों ने बाजार लगाया है। सरकार हमारी मदद करें। वही हमारी समस्या को विधानसभा में उठाकर हम लोगों की जमीनों को जमीन दलालों से मुक्त कराएं। आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए संगठित होना होगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से जिला परिषद सदस्य कमिश्नर मुंडा, बरवे मुखिया अनिता लिंडा, प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष तुलसी खरवार, जिला कांग्रेस महामंत्री सुरेश प्रसाद साहू, विधायक प्रतिनिधि हरिमोहन महतो आदि लोग उपस्थित थे।

वहीं इस करम पूर्व संध्या समारोह को सफल बनाने में शहीद चरकु उरांव बाजार हरचन्डा समिति के रवि उरांव, विजय उरांव, रवि लकड़ा,  देवेन्द्र पहान प्रधान, शंकर उरांव, काशीम अंसारी, कृष्णा उरांव, सीमा देवी, फुलमनी देवी, सलगी देवी, रीता देवी, मोनिता देवी, जयन्ती,असरिता तिर्की, गंगिया देवी, फागु उरांव विनोद उरांव आदि का सराहनीय योगदान रहा।

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