ACS ने सभी 108 एंबुलेंस को 15 दिन में चालू करने का दिया निर्देश

राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को और अधिक सुदृढ़ एवं सुसज्जित बनाने की दिशा में सरकार अब पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। आज मंगलवार को स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) अजय कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के सिविल सर्जनों, अस्पताल उपाधीक्षकों और व्ययन पदाधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
अपर मुख्य सचिव ने विशेष रूप से राज्य भर में बंद पड़ी 108 एंबुलेंस सेवाओं को लेकर गहरी चिंता जताई और सख्त निर्देश देते हुए कहा कि छोटी-मोटी तकनीकी खराबियों के कारण जो एंबुलेंसें निष्क्रिय हैं, उन्हें अगले 15 दिनों के भीतर मरम्मत कर हर हाल में चालू किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रस्ताव तैयार कर राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी तरह की देरी न हो। स्वास्थ्य सेवाओं के तंत्र में एंबुलेंस की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में 100 प्रतिशत एंबुलेंस संचालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
बैठक में उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में उपयोग में आने वाली जरूरी मशीनों एवं उपकरणों की एक समग्र सूची तैयार कर विभाग को जल्द से जल्द भेजी जाए, ताकि नई मशीनों की खरीद प्रक्रिया शुरू की जा सके। जिन अस्पतालों में एक्स-रे मशीनें उपलब्ध नहीं हैं, उनकी सूची अलग से तैयार कर प्रस्तुत करने को कहा गया है।
इतना ही नहीं स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता लाने के लिए मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (OT) की स्थापना पर भी जोर देते हुए उन्होंने सभी जिलों को एक सप्ताह के भीतर प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी आधुनिक जांच सुविधाओं पर भी गंभीर मंथन किया गया और जहां इन मशीनों के लिए स्थान की कमी है, वहां आईपीएच (IPHS) मानकों के अनुसार स्थान चिन्हित कर निर्माण कार्य प्रारंभ करने की बात कही गई।
बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए स्वास्थ्य योजनाओं पर मिले उपवित्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की प्रगति की भी गहन समीक्षा की गई। इस दौरान यह स्पष्ट किया गया कि वांछित राशि उपलब्ध कराई जा चुकी है, अतः अब सभी जिलों को तेजी से कार्यान्वयन की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी स्तर तक के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में रंग-रोगन, साफ-सफाई और आधुनिक सज्जा को अनिवार्य रूप से एक महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया। साथ ही यह भी तय किया गया कि प्रत्येक केंद्र की फोटोग्राफ्स अपलोड की जाएं, ताकि कार्यों की पारदर्शिता बनी रहे। एक महीने बाद फिर से इस पर कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।