रांची दर्पण डेस्क।
रांची के सदर अनुमण्डल पदाधिकारी दीपक दुबे एवं झारखण्ड राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक ने बुधवार को संयुक्त रूप से नगड़ी में स्थित श्रेया राईस मिल औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में राइस मिल में कई अनियमितता पायी गयी, इसके बाद मिल को सील कर दिया गया.
कई तरह के चावलों को मिलाकर तैयार हो रहा था पैकेट
श्रेया राईस मिल में व्यावसायिक कार्य तेज गति से चल रहा था। यहां खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के तहत किये गये एकरारनामा का सरासर उल्लघंन करते हुए राज्य सरकार का कार्य नहीं किया जा रहा है। तीन-चार मजदूरों द्वारा सीएमआर के लिए दिये गये बोरों पर कई तरह के चावलों को मिलाकर पैकेट तैयार के अलावा किसी तरह का पंजी संधारित नहीं किया जा रहा था। मिल में स्टॉक पंजी, आगत-निर्गत पंजी किसी तरह की पंजियों का संधारण नहीं किया गया है।
मिल के मुंशी आशीष कुमार यादव ने बताया कि रजिस्टर हेड ऑफिस में है. जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में श्रेया राईस मिल के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया था कि एक बॉयलर काम नहीं करता है, जबकि दोनों बॉयलर चलते पाये गये एवं धड़ल्ले से चावल तैयार कर अपने ब्रांडेड पैकेट में पैक किया जा रहा था।
सीएमआर के रूप में एफसीआई को घटिया चावल भेजा गया
श्रेया राईस मिल द्वारा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, जो स्थानीय किसानों के हित में जुड़ा है, उसे प्रभावित किया जा रहा है। जिला आपूर्ति कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण एवं उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया था. इसके बावजूद दो माह में मिल द्वारा मात्र 04 लॉट सीमएमआर दिया गया, जबकि 42 लॉट सीएमआर दिया जाना चाहिए था। 04 लॉट आरओ के विरूद्ध मात्र 02 लॉट का धान उठाव किया गया। इस गति से कार्य करने से किसान धान (एमएसपीसी) में नहीं बेच पायेंगे, बल्कि थक-हार के मिल के पास औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो जायेंगे।
श्रेया राईस मिल द्वारा एफसीआई को घटिया चावल सीएमआर के रूप में भेजा गया है, जो रिजेक्ट पड़ा हुआ है। बता दें कि राज्य सरकार के संकल्प में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि मिलर को मात्र 30 प्रतिशत कार्य सरकार का करना है परंतु श्रेया राईस मिल सरकार के निर्देशानुसार द्वारा अभी तक 09 प्रतिशत का कार्य भी नहीं किया गया है।