
ओरमांझी (रांची दर्पण)। ओरमांझी के चकला अवस्थित बिरसा जैविक उद्यान में एक नन्हा मेहमान चहलकदमी कर रहा है। जिसने न केवल जू के कर्मचारियों बल्कि आगंतुकों के चेहरों पर भी मुस्कान बिखेर दी है। मादा हिप्पोपोटेमस लिली ने 2 जुलाई 2025 को अपने पांचवें बच्चे को जन्म दिया है, जो पूरी तरह स्वस्थ है और अपनी मां के साथ जैविक उद्यान में आकर्षण का केंद्र बन गया है।
बिरसा जैविक उद्यान के अधिकारियों के अनुसार नवजात हिप्पो का जन्म 2 जुलाई की सुबह हुआ। यह नन्हा हिप्पो अपनी मां लिली के साथ पानी के तालाब में तैरता और खेलता हुआ देखा गया है।
जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक के अनुसार नवजात हिप्पो पूरी तरह स्वस्थ है और उसका वजन सामान्य है। लिली अपने बच्चे की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। दोनों को देखकर ऐसा लगता है मानो वे एक-दूसरे के साथ समय बिताने में पूरी तरह मग्न हैं।
लिली बिरसा जू की सबसे लोकप्रिय हिप्पोपोटेमस में से एक है। इससे पहले भी वह चार बच्चों को जन्म दे चुकी है। यह उसका पांचवां बच्चा है और जू प्रबंधन का कहना है कि लिली की मातृत्व क्षमता और देखभाल ने इस नवजात को और भी खास बना दिया है।
बता दें कि बिरसा जैविक उद्यान में वर्तमान में कुल नौ हिप्पोपोटेमस हैं। जिनमें मादा हिप्पो लिली और नैना, नर हिप्पो लालू, विजय, अजय, छोटू और नवजात बच्चा शामिल हैं।
जैविक उद्यान निदेशक के अनुसार हिप्पो लिली का यह बच्चा हमारे उद्यान के लिए एक अनमोल उपहार है। यह न केवल हमारे संरक्षण प्रयासों की सफलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हम वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान कर रहे हैं।
उल्लेखनीय दें कि बिरसा जैविक उद्यान लंबे समय से वन्यजीव संरक्षण के लिए जाना जाता है। हिप्पोपोटेमस जैसे बड़े स्तनधारियों की प्रजनन प्रक्रिया को बढ़ावा देना न केवल प्रजातियों के संरक्षण में मदद करता है, बल्कि यह लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता भी बढ़ाता है।
जैविक उद्यान के संरक्षण विशेषज्ञ के अनुसार हिप्पोपोटेमस की प्रजाति को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रजाति अपने प्राकृतिक आवास में कई खतरों का सामना कर रही है। बिरसा जैविक उद्यान में लिली और उसके बच्चों की सफलता हमें इस दिशा में और प्रेरित करती है।
बहरहाल जू प्रबंधन ने नवजात हिप्पो और उसकी मां को परेशानी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। आगंतुकों को हिप्पो के बाड़े के पास एक सुरक्षित दूरी से देखने की अनुमति दी जा रही है। ताकि मां और बच्चे को पर्याप्त निजता मिल सके। इसके अलावा, जू में एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें हिप्पोपोटेमस की जीवनशैली, उनके प्राकृतिक आवास और संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी।
स्रोत: बिरसा जैविक उद्यान के अधिकारियों के बयान और रांची दर्पण की विशेष रिपोर्ट