Home धरोहर भगवान बिरसा जैविक उद्यान: झारखंड की जैव विविधता का अनूठा पर्यटन केंद्र

भगवान बिरसा जैविक उद्यान: झारखंड की जैव विविधता का अनूठा पर्यटन केंद्र

Bhagwan Birsa Biological Park: Unique center of biodiversity of Jharkhand
Bhagwan Birsa Biological Park: Unique center of biodiversity of Jharkhand

भगवान बिरसा जैविक उद्यान न केवल वन्यजीव संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, बल्कि यह पर्यटकों को प्रकृति से जुड़ने और उसकी सुंदरता को समझने का अवसर भी प्रदान करता है। आधुनिक सुविधाओं और अनूठे वन्यजीवों के संगम ने इसे झारखंड की जैव विविधता का प्रतीक बना दिया है

विशेष संवाददाता / मुकेश भारतीय (रांची दर्पण)। झारखंड के रांची जिले के ओरमांझी चकला अवस्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान न केवल राज्य का सबसे बड़ा जैविक उद्यान है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण, अनुसंधान और पर्यावरण शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय भूमिका के लिए भी प्रसिद्ध है। 104 हेक्टेयर में फैले इस उद्यान में 91 प्रजातियों के वन्यजीव संरक्षित हैं, जिनमें 41 प्रजातियां पक्षियों की, 31 स्तनधारियों की और 19 सरीसृपों की शामिल हैं।

इस उद्यान में वन्यजीवों के लिए अनुकूल वातावरण और देखभाल के विशेष प्रयास किए जाते हैं। इसी का परिणाम है कि इस वर्ष उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव बच्चों ने जन्म लिया। इनमें दरियाई घोड़ा, लकड़बग्घा, सांभर, चीतल, कृष्णमृग, सफेद कृष्णमृग, नीलगाय, लंगूर और बंदर जैसे स्तनधारी शामिल हैं। पक्षियों में मोर, सिल्वर फीजेंट, गोल्डन फीजेंट, तोता और शुतुरमुर्ग के बच्चों ने उद्यान की शोभा बढ़ाई है। जबकि सरीसृपों में घड़ियाल और कछुए के नवजात भी देखे गए हैं।

वन्यजीव विविधता को और समृद्ध करने के लिए इस वर्ष नंदनकानन जैविक उद्यान भुवनेश्वर से सफेद बाघ, लोमड़ी, खटास, नाइट हेरोन, ग्रे पेलिकन और माउस डीयर जैसे जीवों को लाया गया है। यह पहल न केवल संरक्षण के प्रयासों को मजबूती देती है, बल्कि पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र भी बनती है।

इस उद्यान में सफेद बाघ, काला तेंदुआ, सफेद मोर और सफेद हिरण जैसे दुर्लभ प्रजातियां विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। इनके साथ नन्हे वन्यजीवों को देखना पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव साबित होता है।

यहां दर्शकों की सुविधा के लिए उद्यान में विजिटर्स शेड, पीने के पानी की व्यवस्था, शौचालय और मातृशिशु गृह जैसी सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा दिव्यांग व्यक्तियों के लिए व्हीलचेयर की व्यवस्था ने इसे समावेशी पर्यटन का आदर्श स्थान बना दिया है।

उद्यान आमतौर पर हर सोमवार को बंद रहता है। लेकिन नए वर्ष के विशेष अवसर पर यह 30 दिसंबर 2024 और 6 जनवरी 2025 को भी खुला रहेगा। 31 दिसंबर 2024 से 2 जनवरी 2025 तक टिकट दर वयस्कों के लिए ₹70 और बच्चों (3 से 12 वर्ष) के लिए ₹30 निर्धारित की गई है। हालांकि इन तिथियों पर ग्रुप टिकट की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version