राँची दर्पण डेस्क। झारखंड राज्य के सरकारी स्कूलों के शिक्षको के अंतर जिला स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से एक प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इस नए प्रस्ताव के कई फायदे और नुकसान दोनों शिक्षकों को उठाना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव को लेकर विभागीय स्तर पर सचिव की बैठक हो चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार वैसी महिला शिक्षिका जो अविवाहित हैं, उन्हें शादी के बाद ससुराल के अनुसार नियुक्ति स्थानांतरण का लाभ मिल सकेगा।
इसके साथ ही अंतर जिला स्थानांतरण प्रस्ताव में अनुशंसा की गई है कि पति-पत्नी को एक जिले में रखा जाना चाहिए। ऐसा तभी हो पाएगा जब पति या पत्नी राज्य या केंद्र सरकार के किसी अन्य विभाग में कार्यरत हैं।
लेकिन इस स्थानांतरण में दिक्कत तब आ सकती है, जब पति पत्नी दोनों की स्थानीय भाषा अलग अलग हो। अगर दोनों पति-पत्नी के स्थानीय भाषा एक ही तो अंतर जिला स्थानांतरण संभव हो पाएगा।
इसी तरह स्थानांतरण में यह देखा जाएगा कि शिक्षकों के जाने से उक्त जिले में संबंधित विषय के शिक्षकों की संख्या कम ना हो जाए। इस प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो को भेजा जाना है।
बता दें कि साल 2015 के बाद हुई शिक्षकों की नियुक्ति में स्थानीय भाषा को महत्व दिया गया है। जेटेट की परीक्षा में सभी जिलों की स्थानीय भाषा को स्थान दिया गया है।
स्थानीय भाषाओं के आधार पर ही शिक्षकों का पदस्थापना हुआ लेकिन वर्ष 2015 के पहले स्थानीय भाषा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती थी।
ऐसे में जिनकी नियुक्ति 2015 से पहले हुई है, उन्हें इस अंतर जिला स्थानांतरण प्रस्ताव का लाभ नहीं मिल सकेगा।
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