“रघुवर दास का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक है। झारखंड के जमशेदपुर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले दास ने टाटा स्टील में मजदूर नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। वर्ष 1995 में भाजपा से जुड़ने के बाद…
रांची दर्पण (मुकेश भारतीय)। ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास फिर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए तैयार हैं। उनकी इस वापसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी उनकी सक्रियता का उपयोग संगठन को मजबूत करने और आगामी चुनावों में लाभ उठाने के लिए कर सकती है।
झारखंड में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में भाजपा के कमजोर प्रदर्शन के मद्देनजर रघुवर दास को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा जोरों पर है। पार्टी का मानना है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव झारखंड में संगठन को पुनर्जीवित कर सकता है।
इसके अलावा यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मकर संक्रांति के बाद उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद रघुवर दास को राष्ट्रीय कमान सौंपे जाने की संभावना जताई जा रही है। दास के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अच्छे संबंध इस चर्चा को और मजबूत बनाते हैं। हालांकि रघुवर दास ने इस बारे में अभी तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिए हैं।
इधऱ झारखंड में भाजपा की स्थिति हाल के वर्षों में कमजोर हुई है। आदिवासी बहुल सीटों पर पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार भाजपा यहां ओबीसी कार्ड खेलकर राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। रघुवर दास को उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि और संगठनात्मक कौशल के चलते इस रणनीति का प्रमुख चेहरा बनाया जा सकता है।
वेशक रघुवर दास का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक है। झारखंड के जमशेदपुर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले दास ने टाटा स्टील में मजदूर नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई। 1995 में भाजपा से जुड़ने के बाद उन्होंने मंडल अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री जैसे कई पदों पर काम किया। दास झारखंड के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
भाजपा में वापसी की चर्चा कब शुरू हुई? विधानसभा चुनाव के दौरान रघुवर दास की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से हुई मुलाकात के बाद से उनकी सक्रिय राजनीति में वापसी की चर्चा शुरू हुई थी। दास ने अमित शाह के सामने संगठन में जिम्मेदारी निभाने की इच्छा जताई थी।
अब भाजपा की रणनीति में रघुवर दास की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। झारखंड में भाजपा की स्थिति को दुरुस्त करने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर उनकी संभावित भूमिका से पार्टी को मजबूती मिल सकती है। रघुवर दास के अगले कदम और भाजपा की रणनीति का खुलासा समय के साथ होगा। लेकिन यह तय है कि उनकी वापसी से भाजपा की राजनीति में बड़ा बदलाव आ सकता है।
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