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डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त पहल, टीबी नमूनों की समयबद्ध डिलीवरी पर जोर

रांची दर्पण डेस्क। भारत सरकार के डाक विभाग और झारखंड राज्य स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रांची डाक मंडल और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) परिसर रांची में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य रांची से इटकी टीबी अनुसंधान अस्पताल तक टीबी नमूनों की सुचारु और समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करना था। यह पहल टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जो स्वास्थ्य सेवाओं और डाक विभाग के बीच सहयोग को और मजबूत करेगी।

बैठक में डाक और स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इनमें डीपीएस झारखंड डाक परिमंडल राम विलास चौधरी, निदेशक-इन-चीफ एनएचएम रांची सिद्धार्थ सान्याल, वरिष्ठ डाक अधीक्षक रांची डाक मंडल रूपक कुमार सिन्हा, डीडीएम पीएलआई अमित कुमार और राज्य टीबी पदाधिकारी डॉ. कमलेश कुमार प्रमुख थे। इसके अलावा रांची डाक मंडल के अधिकारी-कर्मचारी और झारखंड के सभी जिला टीबी पदाधिकारियों ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. कमलेश कुमार और श्री रूपक कुमार सिन्हा के स्वागत भाषण से हुई। दोनों अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित पार्सल, दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की समय पर बुकिंग और डिलीवरी को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डाक विभाग की विश्वसनीय सेवाएं स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

बैठक को संबोधित करते हुए डीपीएस झारखंड डाक परिमंडल राम विलास चौधरी ने डाक विभाग की विभिन्न सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विशेष रूप से स्पीड पोस्ट पार्सल सेवा और डाक जीवन बीमा (पी.एल.आई.) पर जोर दिया।

श्री चौधरी ने कहा कि डाक विभाग स्वास्थ्य विभाग के लिए एक विश्वसनीय साझेदार बन सकता है। हमारी स्पीड पोस्ट सेवा के माध्यम से टीबी नमूने और अन्य चिकित्सा सामग्री सुरक्षित और समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचाई जा सकती है। डाक विभाग इस सहयोग को और प्रभावी बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।

निदेशक-इन-चीफ एनएचएम रांची श्री सिद्धार्थ सान्याल ने टीबी के लक्षणों, इसकी गंभीरता और इसके उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बताया कि डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच हुए एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) के तहत पूरे झारखंड से टीबी नमूनों की बुकिंग और डिलीवरी को और व्यवस्थित किया जाएगा।

श्री सान्याल ने कहा कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी के निदान और उपचार में समय सबसे महत्वपूर्ण है। डाक विभाग की तेज और सुरक्षित सेवाएं इस दिशा में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं।

डीडीएम पीएलआई श्री अमित कुमार ने डाक जीवन बीमा (पी.एल.आई.) की विशेषताओं और लाभों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इसे स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प बताया और कहा कि डाक जीवन बीमा न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि यह स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के लिए एक भरोसेमंद योजना है।

कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ प्रधान डाकपाल रांची जीपीओ श्री दिवाकर प्रसाद ने सभी उपस्थित अतिथियों, अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सहयोगात्मक प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे, ताकि झारखंड में टीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर किया जा सके।

बहरहाल यह बैठक डाक विभाग और स्वास्थ्य विभाग के बीच सहयोग का एक शानदार उदाहरण माना जा रहा है। टीबी नमूनों की समयबद्ध और सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेंगे, बल्कि टीबी उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगे। इस तरह की पहल निश्चित रूप से झारखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ेगी।

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