Home राँची बनई बचाओ अभियान की हुई शुरूआत, डीसी, एसडीएम समेत स्थानीय नेताओं ने...

बनई बचाओ अभियान की हुई शुरूआत, डीसी, एसडीएम समेत स्थानीय नेताओं ने की शिरकत

इस मुहिम का नेतृत्व जिला प्रशासन, सेवा वेलफेयर सोसाईटी और नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामसभाओं के द्वारा किया जा रहा है...

0

1 मार्च खूंटी (रांची दर्पण)। खूंटी जिले में जल संरक्षण को लेकर चलाये जा रहे जनशक्ति से जलशक्ति अभियान के बाद एक और अभियान की शुरूआत की गई है, जिसका नाम दिया गया है बनई नदी बचाओ अभियान।

Bani Bachao Abhiyan started local leaders including DC SDM participated 2मुरहू प्रखंड के जलटंडा से लेकर अंतिम छोर पर बसे तुरांग गांव तक बहने वाली 40 किमी लंबी इस नदी को बचाने का मुहिम गुरूवार को माहिल जामटोली और घाघरा गांवों के सीमान पर की गई।

मुहिम के पहले दिन जिले के डीसी शशि रंजन, एसडीएम हेमंत सती, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य कालीचरण मुंडा, कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव नईमुद्दीन खां, बीडीओ प्रदीप भगत, मुरहू के प्रभारी चिकित्सक डा सुजीत मांझी, जगदीश मुंडा, जगन्नाथ मुंडा, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के अध्यक्ष समेत जामटोली और घाघरा गांव के डेढ़ सौ ग्रामीण महिला-पुरूष अभियान से जुड़े। सबने मदईत (श्रमदान) से चंद घंटों में 150 फीट बोरीबांध का निर्माण कर डाला।

इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि अब वे नदी की संरक्षण और संवर्द्धन करेंगे। नदी का दोहन करने की इजाजत किसी को नहीं देंगे। अवैध बालू उत्खनन भी नहीं होने देंगे। सबने एक स्वर में इस अभियान की प्रसंसा की।

डीसी शशि रंजन ने कहा कि पानी की किल्लत का अहसास ग्रामीणों को है। अब गांव के लोग जागरूक हो गए हैं और पारंपरिक तरिके से जल संरक्षण का काम कर रहे हैं, जो प्रसंसनीय है। यहां काफी बड़े क्षेत्र में किसानों के द्वारा तरबूज की खेती की गई है। किसानों की मांग सोलर पंपसेट है, जिसे पूरा करने का प्रयास जिला प्रशासन के द्वारा किया जाएगा।

अब इन दोनो गांवों के ग्रामीण अभी और तीन बोरीबांध का निर्माण बनई नदी पर करेंगे। अब ग्रामीणों में जागरूकता आ गई है। अब नदी का पुर्नउत्तान आसान हो गया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य कालीचरण मुंडा ने कहा कि यह बहुत बढ़िया काम है। बनईनदी पर जलटंडा से तुरांग तक 100 बोरी बांधों का निर्माण किया जाना चाहिए। जिससे गर्मी के दिनों में भी नदी में लबालब पानी रहेगा। बनई नदी का पुराना स्वरूप वापस आ जाएगा और किसान बेहतर ढ़ंग से खेती कर खुशहाल रह सकेंगे। वे इस संबंध में सरकार से बातचीत करेंगे।

सेवा वेलफेयर सोसाईटी के देवा हस्सा ने कहा कि बनईनदी को बचाने का मुहिम शुरू किया गया है। बोरीबांध एक ऐसा माध्यम से जिससे जल संरक्षण तो होगा ही, ग्रामीणों को नदी से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के प्रयास से ही नदी को बचाया जा सकता है।

इन ग्रामीणों ने किया श्रमदानः जगदीश मुंडा, जगन्नाथ मुंडा, रंदाय मुंडाईन, सोनी तिडू, बेरोनिका, बासुदेव नाथ कर, कैलाश मुंडा, फागू मुंडा, सोमा मुंडा, राहुल महतो, साकेत मांझी, लवनाथ कर, प्रशांत कुमार कर, विशेंद्र कुमार कर, सूरज कर, भीम प्रधान, फुलचंद महतो, सुनील मुंडा, भदवा गोप, संजीत कुमार समेत गांव के सभी ग्रामीण महिला, पुरूष।

error: Content is protected !!
Exit mobile version