राँची दर्पण डेस्क। भाजपा नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा में नया खुलासा हुआ है।
खबरों के अनुसार चार जून से ही उपद्रव की तैयारी शुरू हो गई थी। यूपी के सहारनपुर से 12 लोगों की टीम चार और सात जून को रांची पहुंची थी। ये लोग मेन रोड में होटल-लॉज में रुके। यहां तीन टीमें बनीं।
एक टीम खूंटी भी गई थी। इन्होंने ही इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में बैठक कर जुलूस निकालने और हिंसक प्रदर्शन करने के लिए भड़काया।
10 जून को शहर के कई इलाकों में प्रदर्शन और हिंसा हुई थी, जिसके बाद से पूरे इलाके में धारा 144 लागू है। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है। अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट बंद रहा।
16-24 उम्र वाले युवाओं को हिंसा के लिए किया तैयारः कुछ लोगों ने आपत्ति की तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं को फांसना शुरू कर दिया। वे बहकावे में आ गए और उपद्रव का प्लाट तैयार हो गया। हिंसा के पीछे एक राजनीतिक कार्यकर्ता और पानी व्यवसायी का नाम आ रहा है। कार्यकर्ता से पुलिस ने पूछताछ भी की है।
यूपी की टीम आने के बाद से घटना तक की पूरी कहानीः
कौम का हवाला देकर भड़कायाः सहारनपुर से चार और सात जून को 12 लोग रांची पहुंचे। अलग-अलग जगह बैठक कर लोगों को भड़काया। कहा-यूपी में कौम को परेशान किया जा रहा है। हमें अपनी ताकत दिखानी होगी। पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ हमें विरोध करना है। सभी मस्जिदों से जुलूस निकाले जाएं। पर सहमति नहीं बनी।
सोशल मीडिया पर फैलाया मैसेजः समझदार लोग तैयार नहीं हुए तो कुछ स्थानीय छुटभैयों की मदद से युवाओं को फांसा। इन्हें अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने का जिम्मा दिया। फिर सोशल मीडिया पर मैसेज फैलाया कि शुक्रवार को नमाज के बाद डोरंडा रिसालदार बाबा मैदान, राजेंद्र चौक, रतन टॉकीज और छोटा तालाब के पास इकट्ठा हों। नूपुर शर्मा का पुतला फूंकना है। काला बिल्ला लगाकर आएं।
दुकानें बंद कराई, ईंट-पत्थर जुटाएः यूपी से आई टीम और कुछ स्थानीय लोगों ने गुरुवार को ही दुकानदारों को दुकानें बंद रखने के लिए तैयार कर लिया, ताकि प्रदर्शन में ज्यादा लोग शामिल हो सकें और उनके दुकानों को नुकसान भी न हो। ईंट-पत्थर भी जुटा लिए गए। उसे तोड़कर कर कई स्थानों पर रखा गया। ताकि छोटी ईंटें दूर तक फेंकी जा सके।
अमन पसंदों की बात नहीं मानीः मुस्लिम समाज के लोगों को विरोध की तैयारी की भनक लग गई थी। एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने आह्वान किया कि नमाज के बाद जुलूस नहीं निकलेगा। प्रदर्शन नहीं होगा। इसलिए नमाज पढ़कर घर जाएं। लेकिन वॉट्स ग्रुप पर फिर मैसेज चला कि हमें प्रदर्शन करना है।
नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग बिना अनुमति के ही फिरायालाल चौक की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने रोका तो भीड़ उग्र हो गई।
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