Home शिक्षा यू-डायस प्लसः आधार कार्ड को लेकर सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

यू-डायस प्लसः आधार कार्ड को लेकर सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा

U-Dias Plus: Big fraud related to Aadhar card came to light
U-Dias Plus: Big fraud related to Aadhar card came to light

झारखंड में आधार कार्ड से जुड़ा यह फर्जीवाड़ा केवल सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का मामला नहीं है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में गहराई तक पैठी लापरवाही का भी संकेत है। इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने होंगे। ताकि भविष्य में बच्चों के शैक्षणिक डेटा की विश्वसनीयता बनी रहे

संवाददाता (रांची दर्पण)। झारखंड में बच्चों के आधार कार्ड से जुड़े बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राज्य में लगभग चार लाख बच्चों के स्कूलों में दाखिले और उनके आधार कार्ड की जानकारी में भारी अंतर पाया गया है। बच्चों के नाम, जन्मतिथि और अन्य विवरण बदलकर दो-दो आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। यह गड़बड़ी उस समय उजागर हुई, जब शिक्षा विभाग ने बच्चों का अपार कार्ड (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टरी) बनाने के लिए यू-डायस प्लस और आधार कार्ड की जानकारी को मिलाना शुरू किया।

दरअसल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी छात्रों का अपार कार्ड बनाने का निर्देश दिया था। अपार कार्ड के लिए छात्रों के नामांकन और आधार कार्ड की जानकारी का मिलान किया गया। इस प्रक्रिया में पता चला कि कई बच्चों के दो-दो आधार कार्ड हैं। जिनमें उनके नाम, जन्मतिथि और माता-पिता की जानकारी अलग-अलग है।

यह गड़बड़ी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और निजी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। कई अभिभावकों ने अपने बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूलों में कराया, ताकि वे छात्रवृत्ति, साइकिल, यूनिफॉर्म जैसी सुविधाएं ले सकें। सरकारी सुविधाओं के साथ-साथ बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिए उनका नाम निजी स्कूलों में भी दर्ज करा दिया गया।

अभिभावक सरकारी स्कूल के नामांकन में दर्ज अपने बच्चे की जानकारी को आधार कार्ड में बदलवा रहे हैं। इसके लिए वे दुकानों पर जाकर आधार इनरॉलमेंट या अपडेट करवा रहे हैं। लेकिन यू-डायस प्लस पोर्टल पर पुरानी जानकारी दर्ज होने के कारण अपार कार्ड का वेलिडेशन फेल हो रहा है।

राज्य परियोजना निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि आधार कार्ड बनाने में शिक्षा विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। बीआरसी भवन (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) में आधार ऑपरेटर मौजूद नहीं रहते और आधार इनरॉलमेंट किट का इस्तेमाल दुकानों में किया जा रहा है। आधार इनरॉलमेंट किट शिक्षा विभाग की संपत्ति है, जिसका इस्तेमाल केवल विभागीय कार्यालयों में होना चाहिए।

क्या है अपार कार्ड और यू-डायस प्लस? अपार कार्ड 12 अंकों का विशिष्ट पहचान पत्र है, जो छात्रों की शैक्षणिक जानकारी को डिजिटल रूप में संग्रहित करता है। वहीं यू-डायस प्लस पोर्टल 12वीं तक के सभी स्कूलों का ब्यौरा रखता है और नामांकन के समय छात्रों की जानकारी दर्ज करता है।

सरकार के लिए यह फर्जीवाड़ा एक बड़ी चुनौती बन चुका है। सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग और बच्चों की शैक्षणिक जानकारी में हेरफेर को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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