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भगवान बिरसा जैविक उद्यानः ए-वन पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने फिर दिखाया कमाल

” भगवान बिरसा जैविक उद्यान में ए-वन पब्लिक स्कूल की छात्राओं की उपलब्धियां इस बात का प्रतीक हैं कि आगे की युवा पीढ़ी न केवल प्रतिभाशाली है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति भी संवेदनशील है। यह आयोजन रांची के लिए गर्व का विषय है और भविष्य में भी ऐसे प्रयासों को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है…

Bhagwan Birsa Biological Park A One Public School students once again showcased their talent 2रांची दर्पण डेस्क। रांची जिले के ओरमांझी प्रखंड अंतर्गत राष्ट्रीय उच्च मार्ग-20 के किनारे चकला स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान में 3 से 8 अक्टूबर तक आयोजित वन्यजीव सप्ताह ने एक बार फिर पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सप्ताह भर चलने वाले आयोजन में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया, जिसमें ए-वन पब्लिक स्कूल नेवरी विकास की छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

इस वर्ष के वन्यजीव सप्ताह में ए-वन पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। कक्षा-7 की छात्रा रंजना मुंडा ने चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल कर अपनी कलात्मक प्रतिभा का परिचय दिया। उनकी चित्रकला में वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश स्पष्ट रूप से झलक रहा था।

इसी तरह कक्षा-7 की अरहम मलिका और कक्षा-9 की अलीजा परवीण ने निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीतकर स्कूल का नाम रोशन किया। उनके निबंधों में वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता और इसके महत्व को रचनात्मक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया गया।

स्कूल की प्राचार्या कंचन रानी ने इन छात्राओं की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी छात्राएं न केवल पढ़ाई में उत्कृष्ट हैं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी गहरी समझ रखती हैं।

बता दें कि हर साल 3 से 8 अक्टूबर तक आयोजित होने वाला यह वन्यजीव सप्ताह भगवान बिरसा जैविक उद्यान का एक प्रमुख आयोजन है। इसका मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों, उनके आवास और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। इस दौरान उद्यान में निबंध लेखन, चित्रकला, प्रश्नोत्तरी और वॉकथॉन जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को आकर्षित करते हैं।

इस साल के आयोजन में प्लास्टिक हटाओ अभियान को विशेष महत्व दिया गया। इस अभियान के तहत लोगों को एकल-उपयोग प्लास्टिक के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया और उद्यान परिसर को प्लास्टिक-मुक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयास किए गए। इसके अलावा वॉकथॉन का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया और वन्यजीव संरक्षण का संदेश घर-घर तक पहुंचाया।

वहीं भगवान बिरसा जैविक उद्यान न केवल रांची का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। उद्यान में विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा जा सकता है, जो बच्चों और युवाओं को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाता है। वन्यजीव सप्ताह के दौरान छात्रों और नाबालिगों के लिए प्रवेश शुल्क में विशेष छूट दी जाती है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन का हिस्सा बन सकें।

आयोजन के समापन समारोह में उद्यान के निदेशक ने कहा कि हमारा लक्ष्य नई पीढ़ी को वन्यजीवों और प्रकृति के महत्व से अवगत कराना है। इस तरह के आयोजन हमें इस दिशा में और मजबूत करते हैं।

आगामी वर्षों में उद्यान प्रबंधन ने और अधिक नवीन कार्यक्रमों को शामिल करने की योजना बनाई है, जिसमें डिजिटल जागरूकता अभियान और स्थानीय स्कूलों के साथ मिलकर संरक्षण कार्यशालाएं आयोजित करना शामिल है। भगवान बिरसा जैविक उद्यान में आयोजित वन्यजीव सप्ताह ने एक बार फिर साबित किया कि सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाई जा सकती है।

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