
रांची दर्पण डेस्क। अब रांची की सांसें लेने लायक होंगी। शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में शुमार अरगोड़ा चौक पर लंबे समय से चली आ रही जाम की मार अब इतिहास बनने की कगार पर हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज अरगोड़ा फ्लाइओवर परियोजना को औपचारिक स्वीकृति प्रदान कर दी हैं। यह फैसला न केवल ट्रैफिक चोकपॉइंट को दूर करने का वादा करता हैं, बल्कि रांची को एक आधुनिक सुगम यातायात व्यवस्था की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
पथ निर्माण विभाग ने इस महत्वाकांक्षी योजना का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था। प्रेजेंटेशन के जरिए योजना की बारीकियों को समझाने के बाद सीएम ने तुरंत हामी भर दी। सूत्रों के अनुसार अब प्रशासनिक स्वीकृति की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जाएगी, जिससे निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो सके। योजना का डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) लगभग 220 करोड़ रुपये का तैयार किया गया हैं, जो शहर की बढ़ती ट्रैफिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक रणनीतिक कदम हैं।

यह फ्लाइओवर पारंपरिक डिजाइन से हटकर एक राउंड अबाउट सिस्टम पर आधारित होगा, जहां चारों दिशाओं से वाहनों का सहज प्रवाह सुनिश्चित होगा। उपयोगिता और जगह के हिसाब से इसका निर्माण फोर लेन और टू लेन दोनों स्वरूप में किया जाएगा। मुख्य फ्लाइओवर अरगोड़ा चौक से चापुटोली तक टू लेन का होगा, जबकि अशोक नगर की ओर उतरने वाला मार्ग भी टू लेन ही रहेगा।
वहीं हरमू और डिबडीह रोड की ओर जाने वाला हिस्सा फोर लेन का होगा, जो भारी ट्रैफिक को संभालने में सक्षम साबित होगा। डीपीआर और डिजाइन इन्हीं पैरामीटर्स पर आधारित हैं, ताकि हर दिशा से आने वाले वाहनों को बिना रुकावट के आगे बढ़ाया जा सके।
अरगोड़ा चौक रांची का ऐसा क्रॉसरोड हैं, जहां कटहल मोड़, हरमू, अशोक नगर और डिबडीह से आने वाले वाहनों का जबरदस्त दबाव पड़ता हैं। सुबह-शाम का पीक आवर तो जैसे जाम का पर्याय बन जाता हैं। खासकर अरगोड़ा चौक से ओल्ड अरगोड़ा चौक और चापुटोली के बीच का खिंचाव यात्रियों के लिए सिरदर्द साबित होता हैं।
गुमला, सिमडेगा, पलामू, लातेहार और रातू जैसे दूरदराज इलाकों से आने वाले वाहन कटहल मोड़ के रास्ते यहां पहुंचते हैं। जिससे सड़कें ठहराव का शिकार हो जाती हैं। नतीजा? घंटों फंसे रहना, ईंधन की बर्बादी और यात्रियों का समय नष्ट होना।
लेकिन अब यह सब बदलने वाला हैं। फ्लाइओवर के बनते ही जाम की जकड़न ढीली पड़ जाएगी। हरमू-डिबडीह रोड को क्रॉस करने वाले वीआईपी वाहनों को भी अब परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस पहल से न केवल स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी मजबूत होगी। पथ निर्माण विभाग के अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि यह परियोजना रांची को एक ट्रैफिक-फ्री हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।










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