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राष्ट्रीय मानकों पर चमकेंगे रांची के 3 प्रमुख बस टर्मिनल, 48.72 करोड़ मंजूर

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और तेजी से बढ़ते शहरीकरण के लिए जानी जाती है, अब अपने परिवहन ढांचे में एक बड़ा परिवर्तन देखने जा रही है। शहर के तीन प्रमुख बस टर्मिनलआइटीआई बस स्टैंड, सरकारी बस डिपो और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा को राष्ट्रीय स्तर के मानकों पर आधुनिक बनाया जाएगा।

यह कदम न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि रांची को एक आधुनिक महानगर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर यह परियोजना शुरू हो रही है, जो शहर के विकास को नई गति प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री सोरेन ने शहरीकरण के कार्यों को तेज करने के लिए इन टर्मिनलों के आधुनिकीकरण, नवीनीकरण और जीर्णोद्धार पर जोर दिया है। उनके निर्देश का पालन करते हुए नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार ने कुल 48.72 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। इस बजट का बंटवारा किया गया है। आइटीआई बस स्टैंड के लिए 24.77 करोड़, सरकारी बस डिपो के लिए 20.19 करोड़ और बिरसा मुंडा बस स्टैंड के लिए 3.76 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।

मंत्री ने विभागीय प्रधान सचिव सुनील कुमार को जुडको (झारखंड अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड) के माध्यम से कार्य जल्द शुरू करने के आदेश दिए हैं। प्रधान सचिव कुमार ने जुडको को टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने और निर्माण कार्य आरंभ करने का निर्देश जारी किया है।

कहा जा रहा है कि यह परियोजना रांची के निवासियों और पर्यटकों के लिए एक वरदान साबित होगी। वर्तमान में ये टर्मिनल पुराने ढांचे और सीमित सुविधाओं के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब राष्ट्रीय मानकों जैसे इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप इन्हें विकसित किया जाएगा, जहां सुरक्षा, स्वच्छता और आधुनिक तकनीक का संयोजन होगा। आइए, इन तीनों टर्मिनलों के आधुनिकीकरण की विस्तृत जानकारी पर नजर डालें:

अत्याधुनिक सुविधाओं का केंद्र बनेगा आइटीआई बस स्टैंड: रांची के इस व्यस्त बस स्टैंड को पूरी तरह से नया रूप दिया जाएगा, जहां यात्रियों की हर जरूरत का ख्याल रखा जाएगा। वर्तमान में यहां न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन 24.77 करोड़ रुपये की लागत से यह तीन एकड़ क्षेत्र में फैला एक आधुनिक टर्मिनल बन जाएगा। भवन का डिजाइन इस प्रकार होगा: ग्राउंड फ्लोर पर 2330 वर्गमीटर क्षेत्र और प्रथम तल पर 880 वर्गमीटर।

यहां की प्रमुख सुविधाएं यात्रियों को आरामदायक अनुभव प्रदान करेंगी। ड्राइवरों के लिए अलग कैंटीन, मेंटेनेंस शेड, गार्ड रूम और स्लाइडिंग प्रवेश द्वार होंगे। प्रतीक्षालय में आराम से बैठने की व्यवस्था, कार, ऑटो और ई-रिक्शा के लिए पार्किंग स्पेस उपलब्ध होगा। प्रथम तल पर रेस्टोरेंट, प्रशासनिक कार्यालय, टिकट काउंटर, डॉरमेट्री और लॉकर युक्त गेस्ट रूम बनाए जाएंगे।

इसके अलावा हरियाली और सौंदर्य के लिए लैंडस्केपिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा, जो पर्यावरण-अनुकूल विकास को बढ़ावा देगा। इस टर्मिनल से प्रतिदिन 416 बसों का सुचारू परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा, जो शहर की कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

जर्जरता से निकलकर मॉडर्न हब बनेगा सरकारी बस डिपो: 1962 से 1970 के बीच बने इस डिपो की हालत अब जर्जर हो चुकी है, लेकिन 20.19 करोड़ रुपये की लागत से इसका पुनर्निर्माण इंडियन रोड कांग्रेस के मानकों पर किया जाएगा। नया भवन ग्राउंड फ्लोर पर 1771 वर्गमीटर और प्रथम तल पर 845 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला होगा।

यहां की सुविधाएं यात्रियों और बस ऑपरेटरों दोनों के लिए फायदेमंद होंगी। गार्ड रूम, मेंटेनेंस क्षेत्र, डॉरमेट्री, प्रतीक्षालय, फूड कियोस्क और शेडयुक्त बस वे जैसी आधुनिक व्यवस्थाएं होंगी। स्लाइडिंग गेट, कार और ऑटो स्टैंड की सुविधा से यातायात प्रबंधन आसान होगा।

आठ बस वे के माध्यम से रोजाना लगभग 512 बसों का परिचालन होगा, जो रांची से अन्य जिलों और राज्यों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परिवर्तन न केवल डिपो की दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा, क्योंकि बेहतर परिवहन से व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

जीर्णोद्धार से बढ़ेगी बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा में सुविधा और सुरक्षाः यह टर्मिनल रांची का सबसे बड़ा बस स्टैंड है, जो 11.6 एकड़ क्षेत्र में फैला है। वर्तमान ढांचे को बनाए रखते हुए 3.76 करोड़ रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार किया जाएगा, ताकि यह और अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बने।

परिसर में 31 बस वे, 89 बसों और 70 कारों के लिए पार्किंग स्पेस, स्मार्ट शेड, 50 बेड वाली डॉरमेट्री, रेस्टरूम, स्नानागार और गेस्टहाउस जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। हाइमास्ट लाइट, बाउंड्री वाल और महिला सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था से रात के समय भी यात्रा सुरक्षित होगी। लैंडस्केपिंग और सौंदर्यीकरण से टर्मिनल का लुक और फील पूरी तरह बदल जाएगा, जो यात्रियों को एक सुखद अनुभव देगा।

उम्मीद है कि ये परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद रांची के बस टर्मिनल न केवल राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर के मॉडल बनेंगे। यात्रियों को सुरक्षा, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाओं का बेहतर अनुभव मिलेगा, जो शहर की छवि को चमकाएगा। जुडको द्वारा टेंडर जारी होने के साथ ही कार्य शुरू होने की उम्मीद है और यह परिवर्तन रांची को एक स्मार्ट सिटी की दिशा में आगे बढ़ाएगा।

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