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गंदगी और दुर्गंध का पर्याय बना रांची का दिल बड़ा तालाब, एसटीपी बना सफेद हाथी

Ranchi's heart Bada Talab has become synonymous with dirt and stench, STP has become a white elephant
Ranchi's heart Bada Talab has become synonymous with dirt and stench, STP has become a white elephant

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची के हृदयस्थल अवस्थित बड़ा तालाब (स्वामी विवेकानंद सरोवर) में पानी की गुणवत्ता बिगड़ने के कारण स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है। तालाब के पानी के ऊपर तेल जैसी मोटी परत जम गई है, जिससे पानी का रंग हरा हो गया है और उसके दुर्गंध से स्थानीय लोग परेशान हैं।

प्रशासन की अनदेखी के चलते यह स्थिति फिर से उत्पन्न हुई है। जिसके कारण आसपास के निवासियों को पूर्व के अनुभवों की याद दिला रही है। पानी से बदबू उठने के कारण घरों की खिड़कियां खोलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोग डर रहे हैं कि अगर स्थिति नहीं सुधरी तो आगामी दुर्गापूजा का त्योहार भी प्रभावित हो सकता है।

एसटीपी का निर्माण, लेकिन सुधार नहीं: बड़ा तालाब में नाले के गंदे पानी को रोकने के लिए सेवा सदन द्वारा 8.20 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी (सिवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण किया गया है।

पिछले 12 महीनों से तालाब में एसटीपी से फिल्टर करके ही पानी गिराया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद तालाब का पानी अब भी गंदा और बदबूदार बना हुआ है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि निगम द्वारा संचालित एसटीपी की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा, टैगोर हिल रोड पर बह रहे नाले के पानी के कारण राहगीरों और वाहन चालकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नाली की सफाई न होने के कारण पानी ओवरफ्लो हो रहा है, लेकिन संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं गया है।

समाधान के उपाय और लोगों की आशाएं: इस संकट के समाधान के लिए निगम ने छत्तीसगढ़ की एक कंपनी को बड़ा तालाब की सफाई का कार्य सौंपा है। कंपनी ने तालाब में ई-बॉल डालने का कार्य शुरू किया है।

अब तक दो फेज में 16,000 ई-बॉल डाले जा चुके हैं और कंपनी का दावा है कि एक साल में 90,000 ई-बॉल डाले जाएंगे। ये ई-बॉल बैक्टीरिया को पनपाने का काम करेंगे, जो तालाब में फैली गंदगी को खत्म करने का दावा करते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर तालाब में साफ पानी डाला जा रहा है, तो पानी की गुणवत्ता में सुधार होना चाहिए। लेकिन लगातार घटती गुणवत्ता ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं प्रशासनिक लापरवाही के कारण उनका त्योहार भी खराब न हो जाए।

इस स्थिति को लेकर स्थानीय लोग प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान किया जाए, ताकि उनका जीवन और त्योहार सामान्य रूप से मनाया जा सके।

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