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विधायक जयराम महतो की दादी की सादगी या परिवार की संघर्षमय जीवनशैली पर सवाल

Question on the simplicity of MLA Jairam Mahato's grandmother or the struggling lifestyle of the family
Question on the simplicity of MLA Jairam Mahato's grandmother or the struggling lifestyle of the family

विशेष संवाददाता (रांची दर्पण)। डुमरी विधायक जयराम महतो अपनी अजीबोगरीब बयानों और हरकतों के कारण सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। लेकिन इस बार उनका परिवार चर्चा का विषय बना है। उनकी 84 वर्षीय दादी झुपरी देवी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

बताया जा रहा है कि वह तोपचांची हाट बाजार में घर में उगाई गई सब्ज़ियां बेचती हुई नजर आ रही हैं। जानकारी के अनुसार जयराम महतो की मां भी इस हाट बाजार में सब्ज़ी बेचने आती हैं। हालांकि इन दिनों उनकी तबियत ठीक नहीं है। इसलिए यहां वह दिखाई नहीं दे रही हैं।

दरअसल यह मामला केवल एक व्यक्तिगत कहानी नहीं है। बल्कि झारखंड के कई नेताओं के परिवारों की सादगी की ओर भी इशारा करता है। उदाहरण के तौर पर आठ बार सांसद, चार बार केंद्रीय मंत्री और लोकसभा उपाध्यक्ष रहे कड़िया मुंडा की बेटी  आज भी सड़क किनारे अपने घर का आम बेचने को मजबूर हैं। यह स्थिति एक बार फिर से यह सवाल खड़ा करती है कि अगर इतने बड़े नेताओं का परिवार इस तरह की परिस्थितियों में जी रहा है तो उनके क्षेत्र और प्रदेश में विकास की सच्चाई क्या है?

यहां सकारात्मक पहलु यह हो सकता है कि ये नेता अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। लेकिन नकारात्मक पहलु यह है कि यदि कड़िया मुंडा जैसे नेता अपने परिवार के जीवन स्तर को ऊँचा नहीं उठा सके तो यह सवाल लाजमि है कि उनके कार्यकाल में किस तरह का विकास हुआ होगा।

इसी तरह उच्च शिक्षा प्राप्त महंगी गाड़ियों में घूमने वाले जयराम महतो के विधायक बनने के बावजूद उनकी दादी की ऐसी स्थिति को समाज के लिए एक कलंक के रूप में देखा जा सकता है। यह स्थिति निश्चित ही उनके विकास की तस्वीर और सादा जीवन जीने के सिद्धांत पर सवाल उठाती है।

क्योंकि समाज में महिलाओं का छोटा-बड़ा कोई भी व्यवसाय उनकी सम्मानजनक आत्मनिर्भरता का एक बड़ा प्रतीक है। लेकिन इस तरह की परिस्थितियां निश्चित ही परिवार, समाज, राजनीति और सरकार सब के लिए चिंता का विषय बन जाती हैं। इसका महिमामंडन से अधिक विश्लेषण होनी चाहिए।

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