Home धरोहर अब देवघर त्रिकुट पर्वत पर रोपवे हाईब्रिड तकनीक से रचेगी नई कहानी

अब देवघर त्रिकुट पर्वत पर रोपवे हाईब्रिड तकनीक से रचेगी नई कहानी

Now the ropeway on Devghar Trikut mountain will create a new story with hybrid technology
Now the ropeway on Devghar Trikut mountain will create a new story with hybrid technology

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के देवघर में स्थित त्रिकुट पर्वत पर अब हाईब्रिड तकनीक से नया रोपवे तैयार किया जाएगा। इस परियोजना में भारतीय और विदेशी तकनीक का मिश्रण होगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर देशी तकनीक से निर्मित होगा, जबकि केबिन्स विदेशी तकनीक पर आधारित होंगे।

यह नई पहल पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता बनाएगी। त्रिकुट पर्वत के रोपवे पर तीन साल पहले हुए एक गंभीर हादसे ने इस दिशा में बदलाव की नींव रखी थी।

2022 का हादसा और सुरक्षा की चुनौतियां: विगत 10 अप्रैल 2022 को त्रिकुट पर्वत पर रोपवे में हुई एक बड़ी दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। उस हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी और कई यात्री रोपवे के बीच में फंस गए थे। उनकी जान बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों का सहारा लिया गया था।

इस घटना ने सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। हादसे के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने रोपवे संचालन करने वाली कंपनी ‘मेसर्स दामोदर रोपवेज एंड इनफ्रा लिमिटेड’ को दोषी ठहराया और पांच साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया। साथ ही 9 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।

अब सुरक्षा और उन्नति का मेल से होगा हाइब्रिड रोपवे का निर्माणः रोपवे हादसे के बाद सरकार ने राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) की रिपोर्ट के आधार पर त्रिकुट पर्वत पर नई रोपवे प्रणाली का प्रस्ताव तैयार किया।

इस रिपोर्ट में बताया गया कि पुराना रोपवे 15 साल पुराना हो चुका है और उसके पिलर में भी दरारें आ गई हैं। इसलिए यहां पूरी संरचना को हटाकर एक नया ढांचा खड़ा करने की जरूरत है।

हालांकि शुरू में पूरी तरह से विदेशी तकनीक अपनाने पर विचार किया गया था। लेकिन यह बहुत महंगा साबित हो रहा था। इसके बाद हाईब्रिड सिस्टम पर सहमति बनी। जिसमें भारतीय और विदेशी तकनीकों का संयोजन किया जाएगा।

झारखंड पर्यटन विकास निगम का भविष्य की योजनाः झारखंड पर्यटन विकास निगम ने 4 दिसंबर को इस मुद्दे पर बैठक बुलाई है, जिसमें इस हाईब्रिड रोपवे की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

राइट्स के सुझाव के अनुसार यह रोपवे न सिर्फ पर्यटकों को एक सुरक्षित और बेहतर अनुभव देगा, बल्कि त्रिकुट पर्वत को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने में भी सहायक होगा।

सुरक्षा होगी पहली प्राथमिकताः इस नई रोपवे प्रणाली में सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। पिछले हादसे से सबक लेते हुए सरकार ने सुनिश्चित किया है कि रोपवे के सभी कलपुर्जों, ऑपरेटरों के प्रशिक्षण और प्रबंधन में कोई कमी न रहे। उम्मीद है कि यह परियोजना देवघर के पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा देगी और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेगी।

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