Home धरोहर भारत का सबसे ऊंचा रोप-वे, जहां से दिखता था सुनहरा झारखंड

भारत का सबसे ऊंचा रोप-वे, जहां से दिखता था सुनहरा झारखंड

India's highest ropeway, from where golden Jharkhand was visible
India's highest ropeway, from where golden Jharkhand was visible

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड के देवघर जिले में स्थित त्रिकुट पर्वत न केवल धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां बना भारत देश का सबसे ऊंचा रोपवे इसे और भी खास बनाता था।

त्रिकुट की सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2,470 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और सतह से यह 800 मीटर ऊपर है। यहां से झारखंड का बेहद खूबसूरत और मनमोहक नजारा देखने को मिलता था, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचता था।

रोपवे का ऐतिहासिक सफरः त्रिकुट पर्वत देवघर-दुमका रोड पर मोहनपुर ब्लॉक के पास स्थित है और यह स्थान पर्यटन के प्रमुख स्थलों में से एक है। 2009 में, इस पर्वत पर झारखंड का पहला और एकमात्र रोपवे शुरू किया गया था।

यह रोपवे जमीन से लगभग 1,500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया था और यह देवघर शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। त्रिकुट पहाड़ की तलहटी मयूराक्षी नदी से घिरी हुई है, जो इस स्थान की प्राकृतिक खूबसूरती में और भी चार चांद लगाती है।

रोपवे की विशेषताएं थी खासः यह रोपवे 766 मीटर (2,512 फीट) लंबा था और इसमें कुल 26 केबिन थे। हर केबिन में बैठने की क्षमता सीमित थी। जिससे पर्यटकों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलता था।

त्रिकुट की ऊंची चोटी तक पहुंचने में लगभग 8 से 10 मिनट का समय लगता था। इस रोमांचक सफर के लिए पर्यटकों को मात्र 130 रुपए खर्च करने पड़ते थे और वे सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक इसका आनंद ले सकते थे।

पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का था केन्द्रः रोपवे से त्रिकुट पर्वत की ऊंचाइयों पर चढ़ते समय मयूराक्षी नदी का सुंदर दृश्य और घने जंगलों का विहंगम नजारा अद्भुत था। पहाड़ की ऊंचाई से झारखंड की हरियाली और प्राकृतिक संपदा का मनोरम दृश्य यात्रियों को एक अलग ही अनुभव देता था। पर्यटक न केवल रोपवे के रोमांच का लुत्फ उठाते थे, बल्कि प्रकृति के इस अद्वितीय दृश्य को अपने दिलों में बसा लेते थे।

रोपवे की लोकप्रियता और बंद होने की दुःखद कहानीः वर्ष 2009 में शुरू होने के बाद यह रोपवे पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो गया था। हर साल हजारों लोग यहां का सफर करने आते थे। त्रिकुट पर्वत की यात्रा का रोमांच और चोटी से दिखने वाला नजारा झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता की झलक दिखाता था।

हालांकि वर्ष 2022 में हुए एक हादसे के बाद इस रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया। उस हादसे में कई पर्यटक फंस गए थे। जिनकी जान बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों का सहारा लेना पड़ा था।

इस हादसे ने इस लोकप्रिय रोपवे को कुछ समय के लिए बंद कर दिया। लेकिन इसके नए और उन्नत संस्करण के साथ इसे फिर से शुरू करने की योजना बन रही है। ताकि यह स्थल फिर से अपने पुराने गौरव को हासिल कर सके।

उम्मीद है कि रोपवे की नई शुरुआत के साथ पर्यटकों को एक सुरक्षित और रोमांचक अनुभव मिलेगा और वे एक बार फिर से त्रिकुट पर्वत की अद्भुत ऊंचाइयों और मनमोहक दृश्यों का आनंद ले सकेंगे।

 

 

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