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झारखंड की एकमात्र सीड प्रोसेसिंग यूनिट बना खंडहर, कल-पुर्जे हुए गायब

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड में किसानों की उम्मीदों को मजबूत करने के लिए बनाई गई राज्य की एकमात्र सीड प्रोसेसिंग यूनिट (Seed processing unit) आज बदहाली और सरकारी उदासीनता की जीती-जागती मिसाल बन चुकी हैं। रांची जिला अंतर्गत इटकी प्रखंड में करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित यह महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू होने से पहले ही लूट और उपेक्षा की भेंट चढ़ गई।Jharkhand only seed processing unit has turned into a ruin and its parts have gone missing 1

सीड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए दो अलग-अलग इमारतों का निर्माण किया गया था। एक में अत्याधुनिक मशीनें लगाई गईं और दूसरी को गोदाम के रूप में विकसित किया गया। इसके अलावा गार्ड रूम, जेनरेटर रूम, स्टाफ क्वार्टर, ट्रांसफॉर्मर, स्ट्रीट लाइट और चारदीवारी तक बनाई गई। लेकिन आज हालात यह हैं कि पूरी यूनिट झाड़ियों से घिरकर खंडहर में तब्दील हो चुकी हैं।

सबसे चौंकाने वाली बात यह हैं कि यूनिट में लगी आधुनिक मशीनों और जेनरेटर के अहम कल-पुर्जे गायब हो चुके हैं। मशीनों के सिर्फ ढांचे बचे हैं, जबकि तार, इलेक्ट्रिक पैनल, स्विच और अन्य उपकरण बेकार पड़े हैं। मुख्य गेट, खिड़की-दरवाजे और चहारदीवारी भी टूट-फूट का शिकार हैं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार यूनिट का उद्घाटन हुए करीब 12 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज तक यह चालू नहीं हो सकी। इतने वर्षों में न तो मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई और न ही नियमित रख-रखाव हुआ। नतीजा यह हुआ कि किसानों के लिए वरदान साबित होने वाली यह यूनिट भ्रष्टाचार और लापरवाही की भेंट चढ़ गई।Jharkhand only seed processing unit has turned into a ruin and its parts have gone missing 2

क्षेत्र के किसानों में इस स्थिति को लेकर भारी आक्रोश हैं। किसानों का कहना हैं कि यदि यह यूनिट समय पर चालू होती तो उन्हें गुणवत्तापूर्ण सीड स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होता और खेती की लागत भी कम होती।

किसानों ने राज्य सरकार से मांग की हैं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और सीड प्रोसेसिंग यूनिट को यथाशीघ्र चालू किया जाए, ताकि यह योजना कागजों से निकलकर जमीन पर किसानों के काम आ सके।

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