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लाखों लाभुक दूसरे राज्य में भी उठा रहे राशन, जुलाई माह से शुरु होगा फिजिकल वेरिफिकेशन

रांची दर्पण डेस्क। झारखंड के 2 लाख से अधिक कार्डधारियों का यूआईडी का इस्तेमाल दूसरे राज्य में भी राशन कार्ड बनाने में हुआ है। ऐसे 2,26,291 कार्डधारकों को चिह्नित किया गया है।

ये ऐसे कार्डधारक हैं, जिनका नाम दूसरे राज्य के राशन कार्ड में भी दर्ज है। मतलब दो राज्यों से अनाज का उठाव किया जा रहा है। इनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा सहित अन्य जिलों में भी कार्ड बनाने का मामला सामने आया है।

अब ऐसे लोगों का राज्यभर में वेरिफिकेशन कराने की तैयारी चल रही है। इसके तहत रांची में भी जिला आपूर्ति कार्यालय की ओर से डुप्लीकेट यूआईडी वाले लाभुकों का फिजिकल वेरिफिकेशन जुलाई माह के पहले सप्ताह से शुरू किए जाने की उम्मीद है।

क्यों कराया जा रहा फिजिकल वेरिफिकेशनः फिजिकल वेरिफिकेशन के माध्यम से यह पता चलेगा कि जिस लाभुक का यूआईडी दो राज्यों के राशन कार्ड में दर्ज है वो कहां रहते हैं?

अगर वह बाहर रहता है तो वह खुद दूसरे राज्य से राशन का उठाव कर रहा है जबकि उसके परिवार के अन्य सदस्य यहां उनके नाम से भी राशन का उठाव तो नहीं कर रहे?

कहीं ऐसा तो नहीं कि उक्त लाभुक के यूआईडी का गलत इस्तेमाल कर राशन का उठाव कोई अन्य व्यक्ति कर रहा है? ऐसे तमाम पहलुओं की जांच के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा।

एक जगह से हटेगा नामः फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद डुप्लीकेट यूआईडी वाले लाभुक का नाम राशन कार्ड से हटाया जाएगा। दोनों जगह में से एक जगह से नाम हटेगा।

इससे खासकर उन लोगों को लाभ होगा जो वाकई गरीब हैं। मगर लाल व पीला कार्ड का कोटा फुल हो जाने के कारण उनका कार्ड नहीं बन पा रहा है।

मतलब जितने डुप्लीकेट यूआईडी वाले लाभुकों का नाम राशन कार्ड से हटेगा उतने ही अन्य जरूरतमंदों का नाम से कार्ड बनाया जा सकेगा या कार्ड में नाम जोड़ा जा सकेगा।

ईस्ट सिंहभूम में सबसे अधिक डुप्लीकेट यूआईडीः झारखंड में सबसे अधिक डुप्लीकेट यूआईडी वाले लाभुक ईस्ट सिंहभूम में चिह्नित हुए हैं। यहां के ऐसे लाभुकों की संख्या 32821 है।

दूसरे नंबर पर धनबाद जिला है। यहां 26447 लाभुकों को विभाग की ओर से चिह्नित किया गया है। रांची में डुप्लीकेट यूआईडी वाले लाभुकों की संख्या 23607 है। यह राज्य में तीसरे नंबर पर है।

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