
रांची दर्पण डेस्क। राजधानी रांची को सौम्य, सुंदर और आकर्षक शहर बनाने की मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी परिकल्पना फिलहाल ठप पड़ गई है। हरमू, अरगोड़ा और सहजानंद चौक के सौंदर्यीकरण की बहुप्रतीक्षित योजना अब अनिश्चितकाल के लिए अटक गई है। झारखंड शहरी विकास निगम (जुडको) ने इस परियोजना के लिए कई बार टेंडर जारी किए, लेकिन कोई भी एजेंसी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही। नतीजतन, शहर के इन व्यस्त चौकों का कायाकल्प कागजों से बाहर नहीं निकल पा रहा है।

यह योजना रांची को एक आधुनिक और हरा-भरा महानगर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम थी। मुख्यमंत्री की कल्पना के अनुरूप, इन तीन प्रमुख चौकों को न केवल सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक बनाया जाना था, बल्कि यातायात प्रबंधन को भी सुगम और निर्बाध रखने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन एजेंसी चयन न हो पाने से कार्य की शुरुआत ही नहीं हो सकी।
जुडको के अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में बार-बार असफलता के बावजूद वे प्रयासरत हैं, लेकिन ठेकेदारों की उदासीनता योजना को लटका रही है।
योजना के तहत चौकों के मौजूदा स्वरूप में क्रांतिकारी बदलाव प्रस्तावित हैं। अरगोड़ा चौक के वर्तमान गोलाकार क्षेत्र, जो मात्र आठ मीटर का है, उसे बढ़ाकर 18 मीटर किया जाना है। इसी तरह सहजानंद चौक को छह मीटर से विस्तारित कर 24 मीटर का बनाया जाएगा। हरमू चौक को अंडाकार आकार दिया जाएगा, जो न केवल सौंदर्य बढ़ाएगा बल्कि यातायात की रफ्तार को भी नियंत्रित रखेगा।
इन बदलावों से चौकों पर वाहनों की आवाजाही सुचारु रूप से होगी और जाम की समस्या में कमी आएगी।
सौंदर्यीकरण की यह परियोजना सिर्फ डिजाइन तक सीमित नहीं है। चौकों पर स्थापित मूर्तियों को बड़े और मजबूत प्लेटफॉर्म पर पुनः स्थापित किया जाना प्रस्तावित है, ताकि वे अधिक सुरक्षित और दर्शनीय बनें। राहगीरों की सुविधा के लिए शेडयुक्त विश्राम स्थल बनाए जाएंगे, जहां थके-हारे लोग आराम कर सकें। साथ ही आरामदेह फुटपाथ विकसित किए जाएंगे, जो पैदल यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग प्रदान करेंगे।
इस योजना की सबसे आकर्षक विशेषता लैंडस्केपिंग है। प्रत्येक चौक पर सुव्यवस्थित गोलंबर बनाए जाएंगे, जहां फव्वारे पानी की कल-कल ध्वनि से वातावरण को जीवंत बनाएंगे। सुंदर फूलों की क्यारियां, आकर्षक पौधे और झारखंड के प्रतीकात्मक वृक्ष लगाए जाएंगे। विदेशी घास से ढके हरे मैदान शहर को एक प्राकृतिक स्वरूप देंगे। ये तत्व न केवल चौकों को दर्शनीय बनाएंगे, बल्कि प्रदूषण कम करने और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगे।
नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री के निर्देश पर इस परियोजना के लिए कुल 14 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। राशि का बंटवारा हरमू चौक के लिए 5.44 करोड़ रुपये, अरगोड़ा चौक के लिए 4.26 करोड़ रुपये और सहजानंद चौक के लिए 4.29 करोड़ रुपये किए गए हैं।
हालांकि यह राशि पर्याप्त है और योजना को पूरा करने के लिए पूरी तरह से आवंटित की जा चुकी है। फिर भी ठेकेदारों की कमी के कारण यह धनराशि उपयोग में नहीं आ पा रही। जुडको के सूत्रों के अनुसार टेंडर में तकनीकी और वित्तीय मानदंडों को पूरा करने वाली एजेंसियां आगे नहीं आ रही हैं। कुछ ठेकेदारों ने लागत, समयसीमा और अन्य मुद्दों का हवाला देकर पीछे हटने की बात कही है।
रांची के निवासी लंबे समय से इन चौकों के सौंदर्यीकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। व्यस्त ट्रैफिक, धूल-मिट्टी और अव्यवस्थित डिजाइन से जूझते लोगों ने इस योजना से काफी उम्मीदें लगा रखी थीं। हालांकि योजना के अटकने से निराशा है, लेकिन जुडको का दावा है कि जल्द ही इच्छुक ठेकेदार मिल जाएंगे।









