रांची DC का बनाया फर्जी फेसबुक ID, FIR दर्ज, जांच में जुटी CCU

रांची दर्पण डेस्क। रांची जिला प्रशासन ने एक गंभीर साइबर अपराध की घटना का खुलासा किया है, जिसमें उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी (DC) मंजूनाथ भजन्त्री के नाम से एक फर्जी फेसबुक आईडी (https://facebook.com/share/1Byb6UvCy/) बनाकर असामाजिक तत्वों द्वारा आम नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है और साइबर क्राइम यूनिट (CCU) ने इसकी गहन जांच शुरू कर दी है।
जिला प्रशासन को प्राप्त सूचना के अनुसार इस फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए असामाजिक तत्व आम लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। इसका उद्देश्य लोगों को भ्रामक जानकारी देकर या विश्वास जीतकर आर्थिक ठगी और धोखाधड़ी करना है। यह फर्जी आईडी उपायुक्त के नाम और प्रोफाइल का दुरुपयोग कर बनाई गई है, जिससे यह प्रामाणिक प्रतीत हो।
रांची जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि श्री मंजूनाथ भजन्त्री का इस फर्जी फेसबुक आईडी से कोई संबंध नहीं है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अनजान फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें और इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों से सावधान रहें।
यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे को उजागर करती है। साइबर अपराधी अक्सर सरकारी अधिकारियों, जानी-मानी हस्तियों या विश्वसनीय व्यक्तियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। ऐसी फर्जी आईडी के जरिए निजी जानकारी चुराने, आर्थिक ठगी करने या अन्य अपराधों को अंजाम देने की कोशिश की जाती है।
जिला प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियां साइबर अपराध के दायरे में आती हैं और इनसे नागरिकों को आर्थिक, व्यक्तिगत या सामाजिक नुकसान हो सकता है। प्रशासन ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें।
रांची जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। उपायुक्त कार्यालय की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हम इस फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और साइबर क्राइम यूनिट इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। हम जनता से अपील करते हैं कि वे सतर्क रहें और किसी भी फर्जी आईडी या संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।
साइबर क्राइम यूनिट (CCU) इस मामले में फेसबुक के साथ समन्वय स्थापित कर फर्जी आईडी को हटाने और इसके पीछे के अपराधियों की पहचान करने में जुटी है। जांच में तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। ताकि इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति या आईडी से प्राप्त संदेशों, लिंक्स या फ्रेंड रिक्वेस्ट के प्रति सावधानी बरतें। साथ ही प्रशासन ने सुझाव दिया है कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दें।
रांची पुलिस ने भी नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इस अभियान के तहत लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपाय, सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने जैसे विषयों पर जानकारी दी जाएगी।