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पूरे देश में ED की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, रांची जमीन घोटाला मामले में एक साथ 7 गिरफ्तार

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ईडी ने रांची जमीन घोटाला के केस में राजस्व कर्मचारी भानू प्रताप प्रसाद फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली सद्दाम इम्तियाज अहमद तल्हा खान प्रदीप बागची फैयाज खान को किया गिरफ्तार। ईडी की छापेमारी के बाद यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में अवैध तरीके से जमीन की बड़े पैमाने पर हुई खरीद-फरोख्त के मामले में झारखंड, बंगाल व बिहार के 22 ठिकानों पर गुरुवार से शुरू हुई ईडी की छापेमारी दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी है। इस छापेमारी में देर रात हिरासत में लिए गए सात आरोपितों को ईडी ने विधिवत गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार केस में एक साथ इतनी बड़ी गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है। पूरे देश में भी कहीं से ऐसी सूचना नहीं है। गिरफ्तारियां बहुत हुई हैं, लेकिन अलग-अलग तिथियों में, एक साथ नहीं।

गिरफ्तार आरोपितों की कोर्ट में होगी पेशी

गिरफ्तार आरोपितों में रांची के बड़गाईं अंचल का अंचलाधिकारी भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी कागजात तैयार करने वाले अफसर अली, सद्दाम, इम्तियाज अहमद, तल्हा खान, प्रदीप बागची व फैयाज खान शामिल हैं। सभी सातों आरोपितों को थोड़ी देर में ईडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया जाएगा। यहां से ईडी उन्हें रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट से आग्रह करेगी।मालूम हो क‍ि छापेमारी के दौरान सेना के कब्जे वाली जमीन की मूल कागजात को भी ईडी ने जब्त किया था। पुराने व नए कागजात की फोरेंसिक जांच कराई तो पता चला कि जमीन के कागजात में हेराफेरी कर रैयत के नाम मे भी फेरबदल किया गया है। फोरेंसिक जांच में भी फर्जीवाड़ा की पुष्टि हो गयी है।

सभी रहे जालसाजी में शामिल

ईडी को छापेमारी में राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के रांची व सिमडेगा स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में जमीन के डीड मिले थे। जो डीड कार्यालय में होने चाहिए, वो इनके आवास में मिले। ईडी ने इन्हें हिरासत में ले लिया था। देर रात तक उनसे पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में लिया था।

उन पर डीड में छेड़छाड़ कर जमीन की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री करने का आरोप है। वहीं, जमीन कारोबारी अजहर खान के हिंदपीढ़ी के स्ट्रीट नंबर दो स्थित आवास संख्या 28 से भारी मात्रा में फर्जी स्टांप मिले थे। ये फर्जी डीड तैयार करने में मदद करता था। अन्य सभी आरोपित भी इस जालसाजी में शामिल रहे हैं।

इन-इन जगहों पर हुई ईडी की छापेमारी

ईडी की यह छापेमारी झारखंड में रांची, हजारीबाग, सिमडेगा व जमशेदपुर, बिहार के गोपालगंज व बंगाल के कोलकाता व आसनसोल में चल रही है। जिनके यहां छापा पड़ रहा है, उनमें रांची व सरायकेला-खरसांवा के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, अंचलाधिकारी मनोज कुमार, राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद के अलावा जमीन के धंधेबाज शामिल हैं। आइएएस छवि रंजन, पूजा सिंघल के बाद झारखंड के दूसरे आइएएस अधिकारी हैं, जहां ईडी ने छापेमारी की है।

फर्जी रैयत बन प्रदीप बागची ने बेच दी थी सेना के कब्जे वाली जमीन

ईडी ने सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के सदर थाने में दर्ज चेशायर होम रोड के 60 कट्ठा जमीन की गलत कागजात पर खरीद-फरोख्त केस को जांच का आधार बनाकर मनी लांड्रिंग में केस दर्ज किया था। इन्हीं कांडों के आधार पर कई अन्य जमीन की खरीद-बिक्री मामले को मनी लांड्रिंग के आधार पर जांच के दौरान छापेमारी की गई है।सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़ा का खुलासा सबसे पहले आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था। उक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आयी थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेचा। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।

कोर्ट ने भी बरियातू थाने को प्राथमिकी दर्ज करने का दिया था आदेश

रांची के सिविल कोर्ट ने बरियातू थाना को रांची के दो रजिस्ट्रार घासी राम पिंगुआ व वैभव मणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त मुकेश कुमार, बड़गाईं के अंचलाधिकारी मनोज कुमार, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, खरीदार जगतबंधु टी-इस्टेट के निदेशक दिलीप कुमार घोष, जयप्रकाश नारायण सिन्हा, मेसर्स गोयल बिल्डर्स अपर बाजार के निदेशक, मोहम्मद जैकुल्लाह और मानवेंद्र प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।

आरोपितों पर जान बूझकर फर्जीवाड़ा कर दूसरे की जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप लगा था। दिलीप कुमार घोष ने सात करोड़ रुपये में प्रदीप बागची नामक कथित रैयत से सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन खरीदी थी। बताया जा रहा है कि रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन के आदेश पर यह खरीद-बिक्री हुई थी।

यहां हुई छापेमारी

– छवि रंजन : फ्लैट नंबर 1-ए/बी, लांगिया अपार्टमेंट, एन-1 ब्लाक मार्केट, कदमा, जमशेदपुर। इसके अलावा 4सी, दामोदर, जेमिनी सोसाइटी, ओयना, कांके रांची व सरकारी आवास, बाजरा-बरियातू रोड, रांची विश्वविद्यालय के समीप।
– मनोज कुमार : अंचलाधिकारी, रामेश्वरम लेन, अर्ची अपार्टमेंट, सी-1, मोरहाबादी, रांची।
– भानु प्रताप प्रसाद : राजस्व कर्मचारी, सी/ओ जगदीप चौधरी, रोड नंबर-7, हिल व्यू रोड, बरियातू, रांची। इसके अलावा इनके सिमडेगा के झूलन सिंह चौक स्थित पैतृक आवास।
– दीपक कुमार : फ्लैट नंबर 302, तृतीय तल्ला, शकुंतला अपार्टमेंट, सौम्या अपार्टमेंट के समीप, बोस्को नगर, हेसाग, रांची।
– तल्हा खान उर्फ सन्नी : राहत नर्सिंग होम, बरियातू, रांची।
– बिरेंद्र साहू : तृतीय तल्ला, एनजी गार्डेन, रांची।
– राजेश राय : पिता जगदीश राय, पोस्ट खजुरी, सासामुसा बांटेल, कुचाईकोट, गोपालगंज, बिहार।
– भरत प्रसाद : पिता मंगल प्रसाद, 264, मेरू पुंदरी, बीएसएफ मेरू, बड़कागांव, हजारीबाग, झारखंड।
– लखन सिंह : पिता कालीराम सिंह, 1, फर्स्ट लेन, कुलिया टंगरा, कोलकाता।
– अफसर अली : राहत नर्सिंग होम के समीप, बरियातू, रांची।
– इम्तियाज अहमद : मनीटोला, हिनू, रांची।
– अशोक सिंह : श्रीरापप्रित हटिया, रांची।
– फैयाज खान : मिल्लत कालोनी, बरियातू, रांची।
– सुजीत कुमार : अमीन। रोड नंबर-7, हिल व्यू एरिया, बरियातू, रांची।
– तबरेज अख्तर : अफजल रेसिडेंसी, सी-ब्लाक, फर्स्ट फ्लोर, ए02, चौहान कालोनी, मोरहाबादी, रानी बगान, रांची।
– अजहर खान : हाउस नंबर 28, सेकेंड स्ट्रीट, हिंदपीढ़ी, रांची।
– मोहम्मद सद्दाम हुसैन : प्लाट नंबर 40/जेड, फर्स्ट मार्क स्कूल रोड, बरियातू, रांची।
– प्रदीप बागची : उद्यांचल टावर, थर्ड फ्लोर, टीपी रोड, ऊषाग्राम, आसनसोल, जिला वर्द्धवान, पश्चिम बंगाल।

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