रांची दर्पण डेस्क। पिछले 10 दिनों की बात करें तो झारखंड सूबे के अलग-अलग जिले से पांच अपराधी पुलिस के हिरासत से चकमा देकर फरार हो गये हैं।
फरार हुए पांच अपराधियों में पुलिस ने तीन अपराधियों को फिर से गिरफ्तार कर लिया है। जबकि बाकि फरार दो अपराधियों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
पुलिस की गिरफ्त से अपराधियों के फरार होने की घटनाएं सामने आयी हैं। इससे पुलिस की कार्यशैली देखकर तो यही लगता है कि राज्य में चोर-सिपाही का खेल चल रहा है।
पुलिस पहले अपराधी को पकड़ती है और फिर अपराधी भाग जाता है। इसके बाद दोबारा पूरा पुलिस महकमा जाल बिछाने में लग जाता है, जिसके बाद फरार अपराधी को पकड़ा जाता है।
16 जुलाई: हजारीबाग के गाड़ी खाना चौक के पास एंबुलेंस गति धीमी होने के बाद कोरोना संक्रमित चोर शीशा तोड़कर फरार हो गया। इससे पहले भी कोरोना संक्रमित युवक दो बार मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के कोरोना वार्ड से फरार हो चुका था।
मालूम हो कि उसे सारले विकास नगर में किराना दुकान से चोरी करते पकड़ा गया था। एंबुलेंस का शीशा तोड़कर फरार हुए कोरोना संक्रमित चोर को 17 जुलाई पुलिस ने पकड़ लिया था।
18 जुलाई: रांची के तुपुदाना ओपी क्षेत्र के हजाम गांव के पास जंगल में पोस्टर साट कर रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने राजू गोप को गिरफ्तार किया था। इसके बाद वो हाजत से फरार हो गया।
राजू गोप के हाजत से फरार होने के मामले में रांची एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। सस्पेंड हुए पुलिसकर्मियों में तुपुदाना ओपी प्रभारी तारिक अनवर, एक एएसआइ और दो पुलिसकर्मी शामिल थे।
25 जुलाई: लातेहार मंडल कारा की सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर जेल में बंद दो कैदी जेल की ऊंची दीवारों को फांदकर भाग गये। जेल से फरार होने वाले कैदियों में बालूमाथ के मासियातू निवासी दिलशाद अंसारी एवं छतीसगढ़ निवासी विक्की कुमार राम का नाम शामिल है। पुलिस ने दिलशाद और विक्की दोनों को ही गिरफ्तार कर लिया है।
27 जुलाई: लातेहार के भाजपा नेता जयवर्धन सिंह हत्याकांड का आरोपित कैदी कोविड सेंटर से फरार हो गया। बीते पांच जुलाई को बरवाडीह में भाजपा नेता जयवर्धन सिंह की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गयी थी।
घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद आरोपी की कोराना जांच करायी गयी थी। जिसमें उसका रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे इलाज के लिए दो दिन पहले ही कोविड सेंटर में भर्ती कराया गया था। कोविड सेंटर में मौका लगते ही शौचालय में लगे वेंटिलेटर को तोड़कर वह फरार हो गया।