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रांची में ठंड के साथ ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक का बढ़ा खतरा, बरतें सावधानी

रांची दर्पण डेस्क। जैसे-जैसे दिसंबर की ठंड रांची को अपनी चपेट में ले रही है, वैसे-वैसे अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ने लगी है। राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के क्रिटिकल केयर यूनिट में इस समय 16 से ज्यादा ब्रेन स्ट्रोक के मरीज भर्ती हैं, जिनमें से आठ की हालत बेहद नाजुक है और वे वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी रोजाना 2-3 नए स्ट्रोक केस सामने आ रहे हैं।

डॉक्टरों का साफ कहना है कि ठंड का मौसम हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। रिम्स के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. उज्ज्वल रॉय बताते हैं कि ठंड में ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है। कई मरीज मनमाने तरीके से दवा बंद कर देते हैं या डोज कम कर लेते हैं, यही लापरवाही जानलेवा बन जाती है।

स्ट्रोक दो तरह का होता है। दोनों खतरनाक हैं। पहला हेमरेजिक स्ट्रोक में मस्तिष्क की नस फटने से खून का रिसाव होता है, दबाव पड़ने से ब्रेन सेल्स खत्म हो जाती हैं। इस्केमिक स्ट्रोक में नस में खून का थक्का जम जाता है, दिमाग तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता।With the cold in Ranchi the risk of brain stroke and heart attack increases take precautions 1

डॉक्टरों के मुताबिक इस्केमिक स्ट्रोक में अगर मरीज 4-6 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंच जाए तो 70-80% तक जान बचाई जा सकती है, लेकिन हेमरेजिक स्ट्रोक में खतरा कई गुना ज्यादा होता है।

रिम्स के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार बताते हैं कि ठंड में शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल को ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। पहले से हृदय रोगी या हाई बीपी वाले लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।

ऐसे में लक्षण पहचानें और तुरंत अस्पताल पहुंचें। इसके प्रमुख लक्षण अचानक चेहरा टेढ़ा होना या मुंह से लार टपकना, एक तरफ का हाथ-पैर कमजोर पड़ना या झनझनाहट होना, बोलने में दिक्कत या समझने में परेशानी, तेज सिरदर्द के साथ उल्टी आना और सीने में तेज दर्द, सांस फूलना, पसीना छूटना है। ये लक्षण दिखते ही एक मिनट भी बर्बाद न करें। रिम्स, ओरचिड, मेडिका, पारस जैसे मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल में तुरंत लेकर जाएं।With the cold in Ranchi the risk of brain stroke and heart attack increases take precautions 2

विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार सुबह 8 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद ठंड में बाहर न निकलें। बुजुर्ग सूरज निकलने के बाद ही बाहर जाएं। गर्म कपड़े, टोपी, मफलर, मोजे जरूर पहनें। गुनगुना पानी खूब पिएं। कब्ज नहीं होने दें। बीपी-शुगर की दवा बिना डॉक्टर की सलाह कभी न छोड़ें। हर 3-4 दिन में बीपी चेक कराते रहें। मौसमी फल, हरी सब्जियां और गर्म खाना लें।

रांची में इस बार नवंबर के अंत से ही पारा 8-10 डिग्री तक लुढ़क गया है। डॉक्टर चेतावनी दे रहे हैं। लापरवाही मत कीजिए। आपकी एक छोटी सी गलती जिंदगी भर का पछतावा दे सकती है। ठंड का मजा लीजिए, लेकिन सावधानी जरूर बरतिए!

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