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ओरमांझी के हरचन्डा गांव के ग्रामीणों ने अपनी जमीन को बचाने के लिए काली मैदान में लगाया बाजार

“हम लोग अपनी जान दे देंगे लेकिन यह जमीन किसी भी सूरत में जमीन दलालों को नहीं बचने देंगे। वहीं बाजार समिति बनाकर इस बाजार को सुचारू रूप से चलने का निर्णय लिया गया है…

ओरमांझी (राँची दर्पण)। ओरमांझी प्रखंड क्षेत्र के हरचन्डा गांव के ग्रामीणों ने अपने पूर्वजों की 1 एकड़ 80 डिसमिल काली मैदान की खाली पड़े जमीन को जमीन दलालों से बचाने के लिये सैकड़ों ग्रामीण गोलबंद होकर शहीद चरकु उराँव हरचन्डा के द्वारा सप्ताहिक बाजार लगाया गया।

Villagers of Harchanda village of Ormanjhi set up a market in Kali Maidan to save their land.1इस बाजार में अनेकों तरह के साग सब्जी खिलौने मिठाई, सहित विभिन्न तरह के सामग्री की दुकान साजी थी। बाजार चुकि, रांची रामगढ़ मुख्य मार्ग में होने के कारण राहगीर गाड़ी रोक रोक कर बाजार से साग सब्जी खरीद रहे थे।

ग्रामीणों का कहना है कि यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है। इसे हम लूटने नहीं देंगे। कई वर्षों से तो बड़ी कंपनी का मालिक इसे दावेदारी कर रहा था, लेकिन जब हम लोगों ने इस जमीन के लिए कुर्बानी दिया और संघर्ष किया तो गांव का एक बेटा चरकु उराँव भी इसमे शहीद हुआ था। जिसका मकबरा भी इसी मैदान में है। कितने गांव के इस जमीन को बचाने के लिए जेल भेजे गए तब जाकर यह जमीन बची है।

ग्रामीण बताते हैं कि हम लोग अपनी जान दे देंगे लेकिन यह जमीन किसी भी सूरत में जमीन दलालों को नहीं बचने देंगे। वही बाजार समिति बनाकर बाजार को सुचारू रूप से चलने का निर्णय लिया गया। ओरमांझी आसपास गांव के दर्जनों गांवों के लोगों ने अपना इस बाजार में लेआउट कर जगह चयन कर लिया है।

ग्रामीणों ने बता कि 20 सितंबर को इस मैदान में बाजार समिति द्वारा भाग्य मेला का आयोजन किया गया है। जिसमें दूर-दूर से लोग मेला में शामिल होंगे कई बड़े राजनेता व सामाजिक कार्यकर्ता लोग मेला में शामिल होंगे।

शहीद चरकु उरांव बाजार को सफल बनाने में हरचन्डा के रवि उरांव, विजय उरांव, रवि लकड़ा,  देवेन्द्र पहान प्रधान, शंकर उरांव, काशीम अंसारी, कृष्णा उरांव, सीमा देवी, फुलमनी देवी, सलगी देवी, रीता देवी, मोनिता देवी, जयन्ती, असरिता तिर्की, गंगिया देवी व सरना महिला समिति फागु उरांव विनोद उरांव आदि लोग जुटे हुए हैं।

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