
राँची दर्पण डेस्क। नई दिल्ली भारत मंडपम में जारी भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में झारखंड पवेलियन का रांची स्मार्ट सिटी मॉडल इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा में है। अत्याधुनिक तकनीक, पर्यावरण-संतुलित शहरी नियोजन और नागरिक-केंद्रित विकास दृष्टि से सुसज्जित यह मॉडल पवेलियन का मुख्य आकर्षण बन गया है। मीडिया प्रतिनिधियों से लेकर आम आगंतुकों तक, सभी इस मॉडल को झारखंड के तेजी से बदलते शहरी भविष्य की झलक के रूप में देख रहे हैं।
रांची स्मार्ट सिटी का निर्माण 656 एकड़ क्षेत्र में हो रहा है, जिसमें सीबीडी क्षेत्र, प्रस्तावित राजधानी परिसर, एयरपोर्ट और हटिया रेलवे स्टेशन के निकट एक सुविचारित और रणनीतिक लोकेशन चुनी गई है। यह इलाका भविष्य में निवेश, तकनीकी संस्थानों, स्टार्टअप इकोसिस्टम और ज्ञान-आधारित उद्योगों को आकर्षित करने वाला प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता रखता है।
रांची को फ्यूचर-रेडी शहर बनाने के तहत 37% भूमि को ओपन और ग्रीन स्पेस के रूप में सुरक्षित किया गया है। 24×7 गैस-इंसुलेटेड पावर स्टेशन, आधुनिक जलापूर्ति तंत्र और 16 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी के माध्यम से उपचारित जल का 40% हिस्सा गैर-पीने योग्य उपयोगों के लिए प्रस्तावित किया गया है। इससे जल संरक्षण और सतत शहरी प्रबंधन को बल मिलेगा।
रांची स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के जन संपर्क पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि शहर को शिक्षा और कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में विशेष पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि रांची पहले से ही सरकारी संस्थानों, पीएसयू और आरएंडडी केंद्रों का प्रमुख स्थल है। अब लक्ष्य इसे ज्ञान-आधारित उद्योगों और आधुनिक शिक्षण संरचना के ज़रिए ऐसा हब बनाना है, जो अगले 5 से 10 वर्षों में झारखंड ही नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भी प्रमुख शैक्षणिक एवं कौशल विकास केंद्र के रूप में उभरे।
उन्नत सुविधाओं, वैश्विक स्तर के टाउन प्लानिंग मॉडल और सतत विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों के संगम के साथ रांची स्मार्ट सिटी मॉडल आईआईटीएफ 2025 में झारखंड की नई शहरी पहचान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर रहा है।









